जावेद आरिफ रायबरेली ब्यूरो चीफ
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र
ऊंचाहार रायबरेली। प्रधानमंत्री आवास योजनान्तर्गत लाभार्थियों को एक दिवसीय प्रशिक्षण देने का प्रक्रिया महज कागजी कोरम ते ऊंचाहार ब्लाक मे रहा है। जिसमे लाभार्थियों के न आने से वहां पर पडी कुर्सियां खाली रही जिसको लेकर प्रशिक्षण के नाम पर मिलने वाले सरकारी खर्च का बंदरबांट होने का मामला प्रकाश मे आया है। ऊंचाहार ब्लाक मे कुल ग्राम पंचायतें 54 है। जिसमे 54 वों ग्राम पंचायतों के कई ग्राम पंचायतों मे प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास बेघरों को देने की जगह आपात्रों को दिया गया हालाकि ब्लाक के सभागार मे प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिले आवास वाले लाभार्थियों को प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत एक दिवसीय प्रशिक्षण देना था जिसमे प्रचार प्रसार न होने के कारण ब्लाक मे प्रशिक्षण स्थल पर महज कम कुर्सियां ही पडी रही जिसमे बैठने वाले तक लापता रहे प्रशिक्षण का बोर्ड लगा उसको ये प्रतीत कर रहा था कि प्रशिक्षण है लेकिन यहां पर किसी के न पहुंचने पर प्रशिक्षण पूर्णतयः फ्लाप हो गया ।हालाकि जिले के आये प्रशिक्षुओं पर सवाल खडा हो गया है कि जब यहां पर कोई नही आया तो वह लोग किसको प्रशिक्षण दिया और प्रशिक्षण के लिये मिलने वाले सरकारी खर्च को किसके प्रति खर्चा किया है ये एक प्रश्न चिन्ह बनकर गूंज रहा है। जिसको लेकर साफ झलकता है कि प्रशिक्षण के नाम पर प्रशिक्षुओं व विभागीय अधिकारियों ने सरकारी पैसा का दुरूप्रयोग करते हुए उसका बंदर बांट कर लिया है। क्या कागजी कोरम उच्चाधिकारी लोग मान लेते है या नही उधर बीडीओ रामसागर यादव ने खुद का बचाव करते हुए बताया कि हम अरखा मे है वहांपर प्रमुख सचिव का आगमन है जहां रही प्रशिक्षण की बात तो प्रशिक्षण लेने वालों को बैग व खाना एवं अन्य सामग्री वितरण करने के लिये लाखों रूपये आता है यदि कुर्सियां खाली थी तो उसके प्रति प्रशिक्षण देने वाले जिम्मेदार होंगे। उधर एसडीएम मदन कुमार ने बताया कि मामला गंभीर है जिसकी प्रशासनिक जांच करवाने के बाद ही कुछ कह सकते है यदि प्रशिक्षण मे लोग नही आये तो सरकारी पैसा कहां खर्चा किया गया उसके बावत प्रशिक्षण देने वाले अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी जायेगी।
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