रायबरेली। परशदेपुर क्षेत्र के एक गांव में वन विभाग की साठगांठ से दिनदहाड़े अवैध कटान हुई। रोगग्रस्त एक पेड़ की परमिट लेकर ठेकेदार ने चार पेड़ों पर आरा चला दिया। सूचना पर वन विभाग के दरोगा भी पहुंचे, मगर अवैध कटान देखकर भी वापस लौट गए। इससे लोगों में नाराजगी है।
डीह थाना क्षेत्र के बरुआ गांव में अवधेश कुमार यादव की बाग है। बाग में लगे एक महुआ के हरे पेड़ रोग ग्रस्त दिखाकर वन विभाग से उसे काटने की परमिट ली गई थी। इसके बाद शुक्रवार को पूरब नायन गांव का एक ठेकेदार अपने मजदूर लगाकर पेड़ कटा रहा था। पहले तो स्वस्थ्य पेड़ को रोग ग्रस्त दिखाकर परमिट ली गई। इसके बाद एक की तरह दो अन्य महुआ के पेड़ काट दिए गए। बताते हैं कि इसकी सूचना पर वन दरोगा नागेंद्र कुमार पहुंचे थे। ठेकेदार को अवैध कटान न करने की हिदायत देने की खानापूरी कर वन दरोगा वहां से चलते बने। न तो काटे गए पेड़ की लकड़ी को कब्जे में लिया और न ही उनकी सुरक्षा के लिए कोई ठोस कदम उठाए। नतीजा उनके जाते ही मजदूरों का आरा फिर शुरू हो गया। दो अन्य महुआ के पेड़ों की डाले काट डाली। ग्रामीणों ने ठेकेदार से साठगांठ का आरोप लगाया है। उधर, वन दरोगा का कहना है कि ठेकेदार ने एक पेड़ की अनुमति लेकर दो पेड़ काटे थे। इसके लिए ठेकेदार से जुर्माना वसूला जाएगा। काटी गई लकड़ी को ग्रामीणों के सुपुर्द किया गया था।
जावेद आरिफ ब्यूरो चीफ रायबरेली
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र
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