Translate

Wednesday, October 25, 2017

पात्रों को नहीं मिले आवास, अपात्रों को मिले आवास तो उनके बल्ले-बल्ले -मामला अधिकारियों के संज्ञान में, फिर भी नहीं हो रही कोई कार्यवाही


जावेद आरिफ रायबरेली ब्यूरो चीफ
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र
रायबरेली। विकास खण्ड डीह गांव घीसीगढ़ में प्रधान व ग्राम विकास अधिकारी की मिली भगत से खेतिहर किसानों को सरकारी आवास दे दिये गये। आवास की सूची की न तो जाच की गई और न ही सर्वे किया गया। यदि किया जाता तो पात्र अपात्र का खुलासा हो जाता। यदि जाच हुई है तो आपात्रों को कैसे दे दिये गये आवास। ये अपने आप में खुद ही बड़ा सवाल है। यदि इस मामले की जाॅच की जाय तो कई लोग इस मामले में आ सकते है। वहीं प्रदेश में भाजपा की छवि कितनी साफ सुधरी है किसी से छिपा नहीं है एक ओर प्रदेश स्तर के नेता कहते है कि भाजपा भ्रष्टाचार के संख्त खिलाफ है दूसरी और उन्ही के सरकार में अधिकारी, कर्मचारी भ्रष्टाचार में लिप्त है। सब कुछ जानते हुए भी यह नेता ऐसे अन्जान बने रहते है जैसे इन्हें कुछ मालूम ही न हो। एक तरफ यह अधिकारियों के पेंच कसते है तो दुसरी तरफ यह नेता अधिकारियों को टारगेट भी देते है कि हर महीने कमीशन पहुच जाना चाहिए। अब ऐसे में कहा भ्रष्टाचार कैसे रूकेंगा। अधिकारियों की तो न इधर खैर है और न उधर अगर वह जनता की मन की करता है तो नेताओं द्वारा दिया गया टारगेट नहीं पूरा होगा और अगर टारगेट पूरा करना है तो जनता का काम नहीं होगा। यहीं से भ्रष्टाचार को सबसे ज्यादा बढ़ावा मिलता है। प्रदेश के युवा मुंख्य मंत्री योगी आदित्य नाथ भी इस भ्रष्टाचार को खत्म कर पाने में नाकाम हो रहे है। नेताओं द्वारा कोई न कोई बीच का रास्ता जरूर निकाल लिया जाता है। उत्तर प्रदेश में चल रही आवासीय योजना जिसमें बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। लेकिन इस ओर किसी भी जिम्मेदार आधिकारी का ध्यान नहीं जाता है। जनता शिकायत करती है तो शिकायत को रद्दी की टोकरी में डाल दिया जाता है। खण्ड विकास अधिकारी डीह को ग्राम सभा घीसीगढ़ के ग्रामीणों ने कई बार अवगत कराया कि ग्राम ग्राम सभा में 16’17 में आपात्रों को आवास आवन्टन कर दिये गये है जो अब इस समय बन रहे है। वहीं आपात्रों को 218 शौचालय भी दे दिये गये है। जिन अपात्रों को आवास आवन्टन किये गये उनके नाम इस प्रकार है-श्याम कली पत्नी राजाराम पासी, निवासी घीसीगढ़ इनके पास 6 बीघा जमीन है 1 पुत्र है तथा 2 पक्के मकान है एक घीसीगढ़ में दूसरा मकान पूरे सम्पत्ति में है। वहीं दूसरे नम्बर पर षिवपती पत्नी बिन्देश्वरी, निवासी घीसीगढ़ इनके पास भी 6 बीघा जमीन है 2 पुत्र है एवं 2 पक्के मकान है एक घीसीगढ़ में व एक मकान सरांय मानिक के बोहरइया में दूसरा रायबरेली परशदेपुर रोड़ पर है। वहीं तीसरे नम्बर पर सुरेन्द्र बहादुर पुत्र नन्दलाल है इनके पास 12 बीघे जमीन है एक पक्का मकान है। ऐसे ही चैथे नम्बर पर राम गोपाल पुत्र महंगू निवासी घीसीगढ़ कोई संतान नहीं पूर्व प्रधान शीतलादीन मौर्या के दादा है। उनके साथ रहते है। इनके पास दो मंजिल के दो मकान है। ऐसा नहीं है कि जिले स्तर के अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं है जानकारी होने के बाद भी इन भ्रश्ट अधिकारियों पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती है। क्योकि इन बड़े अधिकारियों तक तय किया गया कमीषन पहुॅचाया दिया जाता है। वहीं पात्र लाभार्थी है आज भी अवास पाने के लिए दर दर की ठोकरे खा रहे है। शिकायत कर्ता ने जिलाधिकारी से मांग की है इस ग्राम सभा में बडे पैमाने में योजना का लाभ आपात्रों को दिया गया है जिसकी जाच करवा कर प्रधान एवं ग्राम पंचायत अधिकारी के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाये ताकि भविष्य में योजना का लाभ पात्र लाभथियों को मिल सके और इन अपात्र लोगों से धन की रिकवरी कर आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जाये जिससे शासन प्रशासन की छवि धूमिल होने से बच सके। वहीं गरीब जनता को उनका हक मिल सके और गरीबों में शासन प्रशासन के प्रति विश्वास कायम हो सके। ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों के चलते सरकार की छवि जनता में खराब हो रही है।


No comments: