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Wednesday, June 13, 2018

मित्र वही जो बुरे वक्त पर काम आए

कानपुर से मधुकर मोघे की रिपोर्ट
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र
कानपुर। स्वार्थ वश हर आदमी इन्सानियत का दुश्मन हो चला है पर यदि भगवान वासुदेव को देखे तो उन पर वैभव का लेस मात्र भी असर नही रहा वरना उन्होने भिक्षुक के रूप मे द्वारिका के द्वार पर आए सुदामा की खातिर नंगे पैर न दौड पडते। यह अम्रत संदेश आचार्य शरदेन्दु ने श्रीमद भागवत कथा के मंच से शहर के नौजबान के राधा क्रष्ण मन्दिर मे दिया। उन्होने कहा गिरिधर गोपाल ने अपने मित्र सुदामा के चरण धो कर जो सन्देश जगत को दिया वह प्रसंसनीय ही नही अनुकरणीय भी है। मित्र के दु ख को अपने नयन जल से धोया बला और उन्होने अपने मित्र के दैहिक दुःख हर लिए।आज दुनिया मे हर ब्यक्ति छल प्रपंच से एक दूसरे नीचा दिखाना लूटना चाहता है। यही कारण है कि हर ओर अपराध मे व्रद्धी हो रही है हमे आपको कथा मे बताए गए सूत्रो को अपने जीवन मे ढालने की जरूरत है।

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