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Sunday, June 17, 2018

शासन द्वारा धन लुटाने पर भी स्थानीय प्रशासन और एनजीओ नही चेत रहे

कानपुर से मधुकर मोघे की रिपोर्ट
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र
कानपुर। बिठूर मे बीते कई वर्षो से गंगा जल जीव सुरक्षा समिति सदस्यो द्वारा बिना किसी लालच गंगा के घाटो की सफाई करना अपने आप मे बहुत बडी बात है। हर रविवार की तरह आज भी स्पर्श गंगा के बैनर तले महा अभियान के तहत कई घाटों की सफाई के साथ साथ धुलाई भी की गयी।सवाल उन आराजक तत्वो द्वारा जिस प्रकार खुलेआम घाट की सीढ़ियों पर घर के मैले कुचले कपड़े  वह भी लोगो के एतराज करने पर धोएं जाते है। उधर गंगा की धारा मे नालो का गिरना स्थानीय रेस्टोरेन्ट, होटलों पर दुकानदारो द्वारा प्रतिबन्धित प्लास्टिक गिलास दोनो का प्रयोग किया जाना और उनका गंगा मे बसाया जाना ।अब सवाल यह उठता है कि जिन्हे शासन द्वारा सफाई की जिम्मेदारी सौंपी गयी है। जिन्हे सरकार वह राज्य हो या केन्द्र करोड रूपये व्यय कर रही है वे लोग आखरी कर क्या रहे है बस बीते कटवाना काकटेल पार्टी का आनन्द उठाना आखरी हो क्या रहा है। भगवान के प्रति आस्थावान कही जाने वाली सरकार उनपर लगाम क्यो नही लगा पा रही है जो गंगा जिसे आस्था का प्रतीक माना जाता घोलकर पी जाना चाहते है। जन अधिकार एसोसिएशन की नगरध्यक्ष सुनीता चौहान शासन करोडों रूपया खर्च कर रहा है।बावजूद शिकारी अवैध रूप से गंगा मे मछली और कछुओं का शिकार करते है। प्रशासन अपनी आंखो पर पट्टी बांधे रहना ऐसे तत्वों पर कोई कार्यवाही न करना अपने आप मे अपराध है।प्लास्टिक के बरतनों का दुकानो मे स्तेमाल फिर उनका गंगा मे बहाया जाना ।गंगा इस युग मे तो साफ होता नजर नही आ रही है।समझने वाली बात यह है सुरक्षा समिति के लोगो को प्रशासन द्वारा सुरक्षा दी जाए साथ ही उनकी श्रद्धा को उदर पूर्ति का साधन बना दिया जाए तो समिति सदस्यो के हौसले बुलन्द हो जाए।फिलहाल इस दिशा मे  सोचना शासन का काम है। इस मौके पर बच्चा तिवारी,राजू बाब, कल्ला मिश्रा,गौरव द्विवेदी, छुन्ना बाजपेयी,हरिप्रसाद,सुनीता चौहान एवं प्रदीप शुक्ला आदि मौजूद थे।

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