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Thursday, October 5, 2017

बाल्मीकि जी के बताये मार्गपर चलकर मनुष्य अपना जीवन क्रतार्थ कर सकता है- अभिजीत सिंह सांगा

बाल्मीकि जी के बताये मार्गपर चलकर मनुष्य अपना जीवन क्रतार्थ कर सकता है- अभिजीत सिंह सांगा 

बिठूर से मधुकर मोघ की रिपोर्ट
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र
बिठूर। महाऋषि बाल्मीकि जी की जयंति के मौके पर भारतीय बाल्मीकि धर्म समाज के तत्वावधान में एक शोभायात्रा आवास विकास न0 1 से निकाली गई जो आई0आई0टी0, नारामऊ, मंधना होते हुये बिठूर स्थित बाल्मीकि आश्रम में समापन हो गया। इस अवसर पर  क्षेत्रीय विधायक अभिजीत सिंह सांगा ने शोभायात्रा की शोभा बढा रहे वाल्मीकि, मां सीता और लवकुश को सम्मानित भी किया साथ ही उनका पूजन अर्चन कर श्रद्धा सुमन चढाये।आज त्रेता युग में रामायण जैसे महाकाव्य की रचना करने वाले एवं जन-जन को राम चन्द्र के चरित्र से अवगत कराने वाले महाऋषि बाल्मीकि जी जो अपने जीवन काल में कभी रत्नाकर नाम से प्रख्यात डाकू हुआ करते थे जिन्होने मरा-मरा शब्द को सिद्ध कर ब्रहम ऋषि की उपाधि प्राप्त की थी। आज उनका जन्मोत्सव बढे ही धूमधाम के साथ मनाया गया। साथ ही उनकी शोभायात्रा निकाल लोगों में धर्म के प्रति आस्थावान होने का संन्देश दिया गया। इस मौके पर निकाली गई शोभायात्रा राजू वाल्मीकि ने शोभायात्रा को हरी झंण्डी दिखा रवाना किया। इस मौके पर भाजपा की कल्याणपुर क्षेत्र की विधायिका नीलमा कटियार, अवध बिहारी मिश्रा, बी0एन0एस0डी0 शिक्षा निकमतन के प्राचार्य अंगद सिंह, पूर्व विधायक सतीशा निगम, बहुजन शक्ति दल के संस्थापक मान सिंह बग्गा, निर्मल तिवारी, आदि ने चित्रो पर माल्यार्पण कर आर्शीवाद प्राप्त किया। इस मौके पर छावनी कैंट, बडा चैराहा, हाइलेट कैम्पस, पाण्डु नगर, सी0टी0आई0, नानकारी कल्याणपुर, से श्रद्धालु निजी साधना से बिठूर पहुचें। इस मौके पर स्थानीय विधायक ने अपने सम्बोधन में कहां कि वाल्मीकि जैसे दुर्दान्त डाकू का चोला बदल सत संगत कर भगवान का जो सानिध्य प्राप्त किया उनके आध्यात्मिक चरित्र का अनुकरण आज के समाज को करना चाहिये यदि व्यक्ति लेस मात्र भी उनके बताये मार्ग पर चले तो मानव समाज अपना जीवन क्रतार्थ कर सकता है। श्री सिंह ने मूर्तियो की पूजा कर आर्शीवाद प्राप्त किया। शोभायात्रा के साथ चल रहे गोविन्द भाई, अश्वनी कुमार, पंचम लाल, ब्रजमोहन, विनोद बांगरिया, सुनील कुमार, मनोज वाल्मीकि आद प्रमुख रूप से मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन राजू वाल्मीकि ने किया।  
    

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