कानपुर से मधुकर मोघे की रिपोर्ट
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र
कानपुर।सूबे की सरकार भ्रष्टाचार को नेस्तनाबूद करने के लिए दिन रात एक कर एड़ी से चोटी तक जोर लगाये है और सरकारी गैर सरकारी तंत्र सरकार को चुनौती देते हुए लाखों रुपये का खेल कर सरकार की मंशा पर पानी फेरते हुए नजर आ रहा है।शिकायतकर्ता ने कानपुर नगर के बी यस ए व एक अशासकीय विद्यालय के प्रबंधतंत्र पर प्रधानाध्यापिका पद की भर्ती में नियम नीति निर्देशों की धज्जियां उड़ाते हुए कूटरचित दस्तावेज तैयार कर लाखों रुपये ले देकर अयोग्य अभ्यर्थी की भर्ती करने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री शिक्षामंत्री समेत शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों को पत्र भेजकर जांच कर कार्यवाही करने की गुहार लगायी है।जानकारी के मुताबिक वाकया इस प्रकार है कानपुर नगर के सुरार गांव निवासी अधिवक्ता डॉ अरुण पाण्डेय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ दिनेश शर्मा अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा डॉ प्रभात कुमार बेसिक शिक्षा निदेशक सर्वेन्द्र विक्रम सिंह सहायक मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक कानपुर मंडल के कमिशनर सुभाष चन्द्र वर्मा समेत पुलिस अधीक्षक सतर्कता अधिष्ठान को भेजे शिकायती पत्र में बताया है कि कानपुर नगर के मंधना में संचालित कन्या पाठशाला जूनियर हाईस्कूल में प्रधानाध्यापिका का पद काफी अर्से से रिक्त चल रहा है।जिस पर नियुक्ति के लिए विद्यालय के प्रबंधतंत्र 8 जुलाई 18 को सम्मानित समाचार पत्रों में विज्ञापन प्रकाशित करवाया था और 03 अगस्त 18 को साक्षात्कार के लिये तिथि नियत की थी।अधिवक्ता डॉ अरुण पाण्डेय ने बताया कि कन्या पाठशाला जूनियर हाईस्कूल मंधना में प्रधानाध्यापिका पद पर नियुक्ति के लिए अभ्यर्थिनी दीपिका पुत्री ब्रह्मानन्द पाण्डेय ने भी नियम नीति निर्देशों का पालन करते हुए आवेदन पत्र भेजा था।जिसके उपरांत जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में तैनात शहाब सरताज उर्फ शीलू नाम के कर्मचारी ने अभ्यर्थिनी दीपिका को अपने कार्यालय बुलाया था जब वह अपने अभिवावक ससुर महेश चंद्र द्विवेदी के साथ उक्त कर्मचारी ने निदेशानुसार बी यस ए कार्यालय पहुंची तो वहां पर पहले से ही कन्या पाठशाला जूनियर हाईस्कूल मंधना के प्रबंधक के के मिश्र व पूर्व प्रबंधक बाबू लाल त्रिपाठी मौजूद थे।डॉ पाण्डेय ने भेजे गए शिकायती पत्र में आगे बताया कि सभी ने एक राय होकर अभ्यर्थिनी दीपिका से उक्त पद पर नियुक्ति हेतु 35 लाख रुपये की मांग करते हुए अभ्यर्थिनी व अभिवावक कि टीका टिप्पणी करने पर कर्मचारी शहाब सरताज उर्फ शीलू ने सफाई देते हुए बताया कि उपरोक्त पद के लिए सुनिश्चित की गई 35 लाख की धनराशि में 10 लाख रुपये बी यस ए साहब के साथ साथ 1 लाख रुपये मेरे हिस्से में शेष 24 लाख रुपये कन्या पाठशाला जूनियर हाईस्कूल के प्रबंधक के के मिश्र व पूर्व प्रबंधक बाबूलाल त्रिपाठी के हिस्से में होंगें।बेसिक शिक्षा कार्यालय में तैनात कर्मचारी शहाब सरताज उर्फ शीलू ने 35 लाख रुपये की मांग पूरी न कर पाने की दशा में पात्रता सूची से हाथ धोने की चेतावनी देते हुए मांग पूरी करने वाले को ही वरीयता के आधार पर प्रधानाध्यापिका पद पर नियुक्त करने की चेतावनी दी थी। अधिवक्ता डॉ अरुण पाण्डेय ने बताया कि जब अभ्यर्थिनी व अभिवावक महेश चंद्र द्विवेदी ने इतनी धनराशि का बंदोबस्त न कर पाने की असमर्थता जताते हुए योग्यता के आधार पर नियुक्ति करने की आरजू मिन्नत की तो कर्मचारी का पारा सातवें आसमान पर चढ़ गया और भृष्ट कर्मचारी शहाब सरताज ने तरह तरह से धमकी भरी चेतावनियां देते हुए यहाँ तक कह डाला कि बी यस ए साहब की कलम में ताकत है जो चाहे वही कर सकते हैं लेकिन साहब की कलम लिफाफे के वजन के अनुसार ही प्रधानाध्यापिका नियुक्ति प्रक्रिया में चलेगी।कर्मचारी की धमकियों से दो चार होते हुए अभ्यर्थिनी दीपिका कन्या पाठशाला जूनियर हाईस्कूल विद्यालय मंधना कानपुर नगर उक्त पद पर साक्षात्कार के लिए नियत तिथि 03-08-18 को नियत समय पर पहुंची और कक्ष में प्रवेश करते किया तो वहां पर पहले से ही मौजूद बी यस ए कानपुर नगर के प्रतिनिधि के तौर पर खंड शिक्षा अधिकारी जगदीश श्रीवास्तव ने तपाक से सवाल करते हुए कहा तुम्हीं दीपिका हो जिसे सुनकर अभ्यर्थिनी सन्न रह गई और मांग पूरी न कर पाने के चलते पूर्वाग्रह से ग्रस्त चयन प्रक्रिया के जिम्मेदार अधिकारी व प्रबंधतंत्र ने जान बूझ कर साक्षात्कार के दौरान न तो अभ्यर्थिनी के मूल दस्तावेज इत्यादि देखे और न ही योग्यता इत्यादि को तवज्जों देते हुए किसी प्रकार की जानकारी ली।बल्कि साक्षात्कार के उपरांत अभ्यर्थिनी दीपिका के ससुर महेश चंद्र द्विवेदी को कक्ष में बुलाकर सन 2020 में विद्यालय में एक पद रिक्त होने की बात कहते हुए तय धनराशि की व्यवस्था जुटाने की नसीहत देते हुए चलता कर दिया।जिससे अभ्यर्थिनी बुरी तरह टूट गई और सक्षम अधिकारी का दरवाजा खटखटाया तो अधोहस्ताक्षरी ने बी यस ए कानपुर नगर प्रवीण मणि त्रिपाठी से सम्पूर्ण प्रकरण पर जरिये दूरभाष वार्ता करते हुए 25 जुलाई 18 को उत्तर प्रदेश शासन के विशेष सचिव सर्वश्री देव प्रताप सिंह द्वारा जारी 1553/68/3/2018 के अनुक्रम में नियुक्ति प्रक्रिया संपादित कराने का निर्देश दिया तो बेसिक शिक्षा अधिकारी ने इस तरह के किसी भी पत्र की जानकारी से अनभिज्ञता जाहिर करते हुए चयन प्रक्रिया पहले से प्रचलित होने की बात कह दो टूक जवाब देते हुए नियुक्ति प्रक्रिया में हुए लाखों रुपये के खेल पर पर्दा डाल दिया।कन्या पाठशाला जूनियर हाईस्कूल विद्यालय में मनमाने तरीके से नियम नीति निर्देशों की धज्जियां उड़ाते हुए ले देकर प्रबंध समिति के निकट संबंधी को अधिकारीयों कर्मचारियों की खाऊ कमाऊ नीति के चलते मनमाने तरीके से चयन करने का खेल शुरू है।गौरतलब हो कि मंधना में संचालित कन्या पाठशाला जूनियर हाईस्कूल विद्यालय में प्रधानाध्यापिका पद पर नियुक्त प्रक्रिया में छेद ही छेद है। आवेदिका दीपिका का मोबाइल नंबर बी यस ए कार्यालय के कर्मचारी शहाब सरताज उर्फ शीलू के पास कैसे पहुंचा।जब वह सरताज के बुलावे पर अपने अभिवावक महेश चंद्र द्विवेदी के साथ कार्यालय पहुंची तो वहाँ प्रबंधक के के मिश्र व पूर्व प्रबंधक बाबूलाल त्रिपाठी क्यों मौजूद थे।साक्षात्कार के लिए पहुंचे खंड शिक्षा अधिकारी जगदीश श्रीवास्तव ने आखिर अभ्यर्थिनी दीपिका के पहुंचते ही प्रश्न उत्तर कर हैरत में क्यों डाल दिया और बिना मूल अभिलेख देखे सुने उसे रुपये का प्रबंध करने की राय देते हुए 2020 में एक पद रिक्त होने की नसीहत दे डाली।यह सारे यक्ष प्रश्न गले नहीं उतर रहे।प्रधानाध्यापिका पद पर नियुक्ति प्रक्रिया पूर्णतया कूटरचित तरीके से दस्तावेज तैयार कर साजिश के तहत अधिकारियों कर्मचारियों की खाऊ कमाऊ नीति के चलते लाखों रुपये की लूट खसोट कर अयोग्य अभ्यर्थी की नियुक्ति करने में प्रबंधतंत्र और बेसिक शिक्षा अधिकारी के बीच खिचड़ी पक रही हैं।जो पूर्णतया गैर कानूनी है।अधिवक्ता डॉ अरुण पाण्डेय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत अन्य आला अधिकारियों को भेजे पत्र में कन्या पाठशाला जूनियर हाईस्कूल के प्रबंध तंत्र व बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जमे भृष्ट अधिकारियों कर्मचारियों पर आरोपो की झड़ी लगाते हुए नियुक्ति प्रक्रिया में हस्तपक्षेप की मांग करते हुए शासन की मंशा के अनुरूप निष्पक्ष पारदर्शी नियुक्ति प्रक्रिया सम्पन्न कराये जाने की मांग की है।उन्होंने अपने शिकायती पत्र के माध्यम से यह भी बताया है कि इस संबंध में ऐसे अमूल चूल परिवर्तन की जरूरत है कि जिससे भृष्ट प्रबंधतंत्र व कतिपय अधिकारियों की इतनी बड़े पैमाने पर किये जा रहे भृष्टाचार के खेल पर अंकुश लग सके।उन्होंने ने सम्पूर्ण प्रकरण की सतर्कता अधिष्ठान द्वारा जांच कराये जाने की भी पुरजोर मांग की है ।
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Tuesday, August 7, 2018
मंधना के कन्या जूनियर हाईस्कूल पाठशाला में प्रधानाध्यापिका पद नियुक्ति, हुआ खेल
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