रायबरेली।। अखिल भारतीय संत गाडगे महासभा (संगम) के प्रदेश अध्यक्ष अरविन्द चैधरी ने कहा कि निजी शिक्षण संस्थानों का रवैया शर्मसार करने वाला है। जहाँ देश एक ओर संकट के दौर से गुजर रहा है, लोग अन्न के एक-एक दाने को मोहताज हैं, पैसों के अभाव में बुजुर्गो की दवाईयाँ नहीं हो पा रही हैं, जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त है, तो वहीं विद्यालयों द्वारा फीस जमा करने को लेकर मोबाइलों पर आ रहे मैसेज जले में नमक का काम कर रहे हैं। श्री चैधरी ने कहा कि प्रत्येक वर्ष रिएडमीशन के नाम पर अकूत सम्पत्ति बनाने वाले शिक्षण संस्थान मानवता की सारी हदें पार कर रहे हैं, मोबाइल पर मैसेज भेजकर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने वाले शिक्षण संस्थान के प्रबन्ध तन्त्र की सम्पत्तियों की जाँच कराया जाना आवश्यक है। श्री चैधरी ने जनपद की न्यायप्रिय जिलाधिकारी श्रीमती शुभ्रा सक्सेना से आग्रह किया कि आम जनमानस के हितों को देखते हुए शिक्षण संस्थानों को निर्देशित किया जाए कि वह मार्च-2020 से जुलाई-2020 तक का शिक्षण शुल्क माफ किया जाए। श्री चैधरी ने कहा कि लाकडाउन के दौरान जिलाधिकारी ने जो उदारता जनपदवासियों के समक्ष पेश की, वह प्रशंसनीय है एवं जनपद का प्रत्येक नागरिक उनका ऋणी हो गया है।
जावेद आरिफ ब्यूरो चीफ रायबरेली
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र
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