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Monday, May 4, 2020

हंसने से बढ़ता है प्राण वायु का संचार : विजय राघव


बिलारी,मुरादाबाद।। हंसना और हंसाना एक योग कला है ।विश्व हास्य दिवस की शुरुआत मन को शांत और सद्भाव के लिए हुआ था।  मनुष्य में सकारात्मक और शक्तिशाली भावना उत्पन्न करने के लिए हास्य की अति आवश्यकता होती है।  हंसने से सकारात्मक ऊर्जा का विकास होता है और शरीर में प्राणवायु का संचार अधिक होता है। उक्त विचार समाजसेवी व प्रेम शांति इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य विजयपाल सिंह राघव ने विश्व हास्य दिवस पर व्यक्त किए। रविवार को विश्व हास्य दिवस के विषय में बताते हुए समाजसेवी विजय पाल सिंह राघव ने कहा कि विश्व हास्य दिवस की शुरुआत 11 जनवरी 1998 को मुंबई से हुई ।मनुष्य में सकारात्मक और शक्तिशाली भावना उत्पन्न करने के उद्देश्य से इस दिवस की शुरुआत की गई। जिसका श्रेय डॉ मदन कटारिया को है। तब से विश्व भर में मई माह का पहला रविवार विश्व हास्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस समय अधिकांश विश्व वैश्विक बीमारी व आतंकवाद के डर से भयभीत है। ऐसी स्थिति में मनुष्य के लिए हंसना हौसला और शक्ति प्रदान करता है ।विश्व हास्य दिवस के महत्व को बताते हुए कहाकि विश्व हास्य दिवस की शुरुआत संसार में शांति की स्थापना और मानवों में भाईचारा और सद्भाव के उद्देश्य के लिए हुआ। इस दिवस की लोकप्रियता हास्य योग आंदोलन द्वारा पूरे विश्व में फैल गई और आज पूरे विश्व में हजारों हास्य क्लब हैं। हास्य विश्व दिवस के अवसर पर रैलियां गोष्ठी एवं कवि सम्मेलन आयोजित किए जाते हैं बताया कि जब व्यक्ति समूह में हंसता है तो यह सकारात्मक ऊर्जा संपूर्ण क्षेत्र में फैल कर नकारात्मक ऊर्जा को हटा देती है और हंसने से प्राणवायु का संचार अधिक होता है जिससे दूषित वायु बाहर निकल जाती है ।नियमित रूप से खुलकर हंसना शरीर को ताकतवर और पुष्ट बनाने के साथ-साथ शरीर में रक्त संचार की गति बढ़ा देता है जिससे पाचन तंत्र मजबूत हो जाता है पेट फेफड़े और यकृत का व्यायाम भी हो जाता है।

राघवेंद्र सक्सेना बीनू ब्यूरो चीफ मुरादाबाद
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र

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