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Monday, October 7, 2019

सीडीपीओ संध्या श्रीवास्तव की मनमानी से आंगनबाड़ी कर्मचारी परेशान , धन वसूली और उत्पीड़न का आरोप



रायबरेली।। जिले मे सुपरवाइजर से लेकर कार्यक्रम अधिकारी तक आंगनबाड़ी कर्मचारियों का शोषण करने में जुटे हुए हैं। इसका सबसे बड़ा कारण जो दिखाई देता है वह यह है कि आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चे कम हैं और सरकार के पास जो आंकड़ा भेजा गया है उनमें बच्चों की संख्या ज्यादा दिखाई गई है । इस कारण व इन बच्चों के लिए जो भी अतिरिक्त साजो सामान और पंजीरी केंद्र पर आ रही है उसको बेचकर कार्यक्रम अधिकारी और सुपरवाइजर आंगनबाड़ी कर्मचारियों से पैसे की मांग कर रहे हैं। बताते हैं कि प्रति माह ₹500 प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्रों से परियोजना अधिकारी की मांग होती है। तमाम आंगनबाड़ी कर्मचारियों का कहना है कि जब से सीडीपीओ का चार्ज संध्या श्रीवास्तव ने संभाला है तब से शहर भर के आंगनबाड़ी केंद्रों में लूट का एक साम्राज्य कायम हो गया है । बताते हैं कि सबसे ज्यादा आंगनबाड़ी कर्मचारियों का शोषण मोबाइल एप्स के प्रयोग को लेकर किया जा रहा है और इसी मोबाइल एप्स का प्रयोग न कर पाने वाली आंगनबाड़ी कर्मचारियों से यह अधिकारी धन की मांग करते हैं। जबकि कई कर्मियों को तो ठीक से मोबाइल का प्रयोग करना भी नही आता है । इस ओर साफ-साफ सुपरवाइजर सन्ध्या श्रीवास्तव का कहना है कि परिवार के लोगों से यह मोबाइल एप्स का कार्य पूरा कराया जाए अन्यथा आपके ऊपर अपराधिक मामले दर्ज कर जेल भेजने की कार्यवाही की जाएगी। जबकि इन महिला कर्मचारियों का कहना है कि कभी भी जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा मोबाइल एप्स को चलाने की जानकारी आंगनबाड़ी कर्मचारियों को नहीं दी गई । उन्होंने साफ कहा कि तमाम तो ऐसे कर्मचारी हैं जिन्हें मोबाइल तक सही ढंग से चलाना नहीं आता है उनसे भी यह सुपरवाइजर संध्या श्रीवास्तव मोबाइल एप्स का काम करवाना चाहती हैं । यहां यह भी बताते चलें कि सरकार द्वारा आंगनबाड़ी कर्मचारियों को दिए गए मोबाइल की सारी सुविधाएं भी बंद कर दी गई हैं। जिससे तमाम मोबाइल बेकार ही साबित हो रहे हैं । आंगनबाड़ी कर्मचारियों ने कहा कि बाल विकास एवं पुष्टाहार परियोजना में चपरासी से लेकर अधिकारी तक आंगनबाड़ी कर्मचारियों का शोषण करने में लगे हुए हैं। उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी कर्मचारी निर्वाचन कार्ड से आधार लिंक कर रहे हैं जिसके लिए उन्हें फील्ड में काम करना पड़ता है और जब कर्मचारी फील्ड में काम कर रहा होता है तो अधिकारी केंद्र पर चक्कर काटकर उसका वीडियो बनाकर भेजते हैं की उन्होंने काम के प्रति लापरवाही बरती है। आंगनबाड़ी कर्मचारियों ने कहा कि 10 नवंबर 2016 को प्रमुख सचिव राहुल भटनागर अपने एक आदेश में कहा था कि आंगनबाड़ी कर्मचारियों से किसी भी तरह का अन्य काम नहीं लिया जाएगा जिसके लिए जवाबदेही के तौर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी को बनाया। लेकिन आज इन कर्मचारियों से बाल गणना, भवन, जनगणना, राशन कार्ड सत्यापन , पोलियो, मलेरिया ,फैलेरिया, संचारी रोग सहित समस्त स्वास्थ्य सेवा में कार्य हेतु बाधित किया जाता है। जबकि इन कर्मचारियों की नियुक्ति के समय उनका कार्य केवल जीरो से 6 वर्ष के बच्चे का सर्वांगीण विकास अनुपूरक पुष्टाहार देना,गर्भवती महिलाओं को सलाह और टीकाकरण में सहयोग देना ही है । लेकिन इन कर्मचारियों का कहना है कि सरकार अपनी सभी योजनाओं में उनका उपयोग करती है और अधिकारी भी उनका शोषण करते हैं । तो इस तरह कैसे सरकार की योजनाओं पर ईमानदारी से कार्य हो सकता है आंगनबाड़ी कर्मचारियों ने साफ कहा कि सभी केंद्रों पर यदि बच्चों की गिनती की जाए तो वास्तव में एक बहुत बड़े घोटाले का रूप लोगों को देखने को मिल सकता है।

जावेद आरिफ ब्यूरो चीफ रायबरेली
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र

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