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Monday, October 14, 2019

स्वच्छता और गौ रक्षक केवल नाम पर सच्चाई कुछ और


मधुकर राव मोघे ब्यूरो चीफ कानपुर
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र
कानपुर । स्वच्छता अभियान हो या गौ रक्षा सब केवल सरकारी प्रचार बनकर रह गया है।  स्वच्छता के लिए सालों से विभाग सफाई कर्मियों की भर्ती नहीं, मोहल्लों में कोई सफाई संसाधन नहीं, ऊपर से जनता को झाड़ू पकड़ने की नसीहत। बीमार जानवरों का इलाज नहीं फिर भी गौ रक्षा। विडम्बना नही तो और क्या है।मामला इंदिरानगर में पिछले १५ दिन से एक गाय गम्भीर गर्दन के जख्म से पीड़ित हैं। सरकारी डा० गोतम  का कहना है गाय को अस्पताल में भर्ती कराने के लिए संबंधित विभाग से कह दिया है, संबधित विभाग के  मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा० सुदीप कु श्रीवास्तव  ने गाय को भर्ती करने में असमर्थता जताई। आनंद मंगल क्लब के महामंत्री ने बताया कि उनकी संस्था ने स्वयं एक सुरक्षित स्थान पर आज गाय बंधवाई। विभाग से आए एक डा०  ने गाय को देखा, पर कोई दवाई उपलब्ध कराने के स्थान पर जनता से ही दवाई मंगाई। सवाल यह उठता है प्रदेश सरकार हो या फिर केन्द्र सरकार गर जनता को ही सब करना है तो फिर प्रशासन मे अधिकारी केवल शासन के लिए बैठाया गया है उपचार के नाम पर जब विभाग मे दवाएं नही तो फिर सरकार गौ सुरक्षा का ढोंग क्यो करती है इसमे सूत्र तो यह बताते है लाखो रूपये की दवाएं आखरी जाती कहाँ है कुल मिलाकर इन ज्वलन्त मुद्दे पर सरकार विभागो की जाँच करवाए याद दिला दे बीते एक माह पूर्व भी समय पर उपचार न मिलने के कारण एक निरीह गाय इसी नगर मे मर चुकी है।

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