बिलारी ,मुरादाबाद।। सहसपुर का राजपरिवार ढाई सौ साल से रामलीला मेले के जरिए हिंदू मुस्लिमों के दिलों को जोड़ कर सदभावना बना रहा है। पूर्व मंत्री रानी रीना कुमारी ने अपने पुरखों की इस पुरानी परंपरा को बखूबी आगे बढ़ाया है। कारोबार की व्यस्तता के बीच रानी के बेटे युवराज दिग्विजय सिंह जी परिवार का साथ निभाने आ रहे हैं। सहसपुर स्थित 23 एकड़ जमीन में बने किले में स्वर्गीय राजा जगत सिंह के बाद उनकी इकलौती बेटी रानी इंदिरा मोहिनी ने यहां लगने वाले रामलीला मेले की परंपरा को जिंदा रखा। उनके देहांत के बाद से उनकी बेटी रानी रीना कुमारी इस परंपरा को आगे बढ़ाने का काम कर रही हैं। राम के नाम से लगने वाला यह मेला आपसी भाईचारे की एक मिसाल है। यहां हर साल रावण का वध के दिन लाखों की तादात में लोग पहुंचते हैं रामलीला मंचन सुनने वालों में भी 50 फ़ीसदी मुस्लिम दर्शक होते हैं। मेले में दुकानदारों की संख्या भी 200 से ज्यादा होती है इनमें भी सभी धर्मों के दुकानदार शामिल होते हैं मेले का ठेका हाजी कासिम के पास है लेकिन किसी दुकानदार से कोई पैसा नहीं लिया जाता है। ठेका मेले में आने वाले लोगों को सुविधा मुहैया कराने को दिया जाता है। मेले का पूरा खर्च रानी रीना कुमारी ही करती हैं।
राघवेंद्र सक्सेना बीनू क्राइम संवाददाता मुरादाबाद
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र
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