खीरों, रायबरेली। जनपद में वर्षो की भांति इस वर्ष भी दसवीं मोहर्रम का जुलूस खीरो दरगह फत्ते शहीद राहमतुनुल्लाह शाह शरीफ गेट से हो कर दरगाह शरीफ पहुचा वही दरगाह शरीफ से खीरों चौराहे पहुँचा वहा मौजूद हजारो लोगो ने उसे चूमना शुरू कर दिया। जुलूस के आगे अकीदतमंद मातम कर रहे थे। वही जगह-जगह पर पुलिस बल तैनात रहे। जुलूस के दौरान सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की गई थी। जुलूस फतेहपुर हुसैनाबाद सगुनी पुरानी बाजार पुराना खीरों जुलूस सकुशल संपन्न हुआ।मुहर्रम इस्लाम धर्म में आस्था रखने वालों का प्रमुख त्योहार है।
या हुसैन की गूंज रही थी सदाए
इस्लाम धर्म के मानने वाले इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत के गम में उनको इस दिन याद करते हैं। मुहर्रम को इस्लामी साल का पहला महीना माना जाता है जिसे हिजरी भी कहा जाता है। आशूरे के दिन यानी 10 मुहर्रम को एक ऐसी घटना हुई थी, जिसका विश्व इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान है।
जावेद आरिफ ब्यूरो चीफ रायबरेली
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र
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