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Monday, September 24, 2018

माध्यमिक व उच्च शिक्षा में तकनीकी शिक्षा का 80% भाग होना चाहिये- रूपक श्रीवास्तव

10वीं व 12वीं की कक्षा में महापुरुष की जीवनगाथा संबधित विषय अनिवार्य मात्र होने चाहिए

शाहजहाँपुर। हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केन्द्रीय विश्विद्यालय के शोधार्थी, सन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी में वाणिज्य विभाग के समन्वयक व युवा सर्व कल्याण समिति के अध्यक्ष रूपक श्रीवास्तव ने शिक्षा में तकनीकी शिक्षा अतिआवश्यक बताया है उन्होंने शोध में शिक्षा व युवाओं के मध्य विश्लेषण कर बताया आज भी 10वीं व 12वीं की कक्षा में पुराना पाठ्यक्रम चला आ रहा है| जिसका दैनिक व व्यवसायिक आचरण में कोई उपयोग नहीं है| रूपक श्रीवास्तव ने जापान जैसे विकसित देशो की शिक्षा में तकनीकी शिक्षा को ही विकास का मापदंड बताया, उन्होंने कहा जापान आज विकसित है तो उनकी पुस्तको व प्रायौगिक शिक्षा में तकनीकी शिक्षा का 80 प्रतिशत भाग है| जबकि भारत में 75 प्रतिशत भाग में महापुरुष की जीवनगाथा है, श्री श्रीवास्तव ने कहा यदि मानव संसाधन मत्रालय 10वीं व 12वीं की कक्षा में पुराना पाठ्यक्रम को अनिवार्य मात्र करके, 80 प्रतिशत भाग तकनीकी व व्यवसायिक शिक्षा को मुख्य पाठ्यक्रम में समायोजित करता है तो उम्मीद की जा सकती है की वर्ष 2050 से 2055 के मध्य भारत वैश्विकरण में आगे बढ़ सकता है यदि वर्तमान गुणवक्ता व गति के आधार पर शिक्षा रही तो हम पिछड़ते ही जायेगे, किसी में देश को विकसित करने के मापदंड उस देश की गुणवक्ता युक्त शिक्षा होती है, यदि जल्द ही देश में तकनीकी व व्यावसयिक शिक्षा का लागू न किया गया तो हमारा देश वैश्विक, आर्थिक उन्नति करने की बजाये पिछड़ता जायेगा|

शाहजहांपुर से आशीष कुमार वैश्य की रिपोर्ट
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र

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