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Monday, January 8, 2018

सरकारों ने किया शहीदों को उपेक्षित-अमित कुमार

श्रद्धान्जजि सभा कर शहीदों को किया गया याद 

जावेद आरिफ रायबरेली ब्यूरो चीफ
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र
बछरावां रायबरेली । अखिल भारतीय नवजवान सभा की एक बैठक भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी के जिला मंत्री चन्द्रकिशोर आजाद की अध्यक्षता मंे सम्पन्न हुयी जिसमें ब्रितानी हुकूमत के दौरान दूसरे जालियान वाला बाग काण्ड के रूप में विख्यात मुंशीगंज मंे शहीद हुये हजारों हजार किसानों को याद करते हुये उन्हे श्रद्धान्जलि दी गयी। नवजवान सभा के तेज तर्रार नेता अमित कुमार ने अपने सम्बोधन मंे कहा कि जिस समय ब्रिटिस हुकूमत के जुल्मों से देश की जनता कराह रही थी। और उसके विरूद्ध रायबरेली में बाबा जानकी दास, आमोल शर्मा, बद्री नरायण  के नेत्रत्व में आन्दोलन होना था। अंग्रेजो ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। जब यह खबर जनपद के किसानों को लगी। तो पूरा जनपद आक्रोशित हो गया और 7 जनवरी 1931 कों जनपद के गद्दार सरदार वीर पाल सिंह द्वारा अंग्रेजो के साथ मिलकर किसानों पर गोलियाँ चलवायी गयी। इस आन्दोलन मंे तत्कालीन कांग्रेस के नेता पंड़ित जवाहर लाल नेहरू को भी आना था परन्तु उन्हे रास्ते में रोंक लिया गया। अपनी डायरी मंे इस घटना का जिकर करते हुये पंडित जवाहर लाल नेहरू ने लिखा है कि जब उन्हें अंग्रेजी फौजों ने घेर रखा था। तो उस समय एक तांगे पर लदी हुयी किसानों की लाशे देखी सम्भवतः 10-12 थे। युवा नेता अमित ने कहा कि पंड़ित प्रताप नरायण मिश्र ने इस गोली काण्ड को अपने समाचार पत्र प्रताप मंे दूसरा जालियावाला बाग काण्ड करार दिया था। इस गोलीबारी में सई नदी का पानी किसानों के खून से लाल हो गया। मुंशीगंज मंे सई के तट पर स्थित स्मारक उन शहीदों की हमें याद दिलाता है और उन्हें सत-सत नमन करने के लिए प्रेरित करता है। युवा नेता युवा नेता आकाश ने कहा कि आजादी के बाद बीते 70 वर्षों में सरकारों के द्वारा केवल शहीदों की याद मंे नाटकबाजी की जाती है। सेहगों में शहीद हुये राम औतार कि अस्थियों का कलश आज भी रखा है। किसी सरकार ने उनकी याद  में शहीद स्मारक बनवाने का प्रयास नही किया । जबकि सत्ता रूढ़ सभी दलों के नेताओं ने सैकड़ों बाद वायदे भी किये। क0 धर्मराज ने कहा कि शहीदों के प्रति हमारी सरकारें कितनी जिम्मेदार है अगर इसे देखना हो तो शेखपुर समोधा, राजामऊ बनी शहीदों की मजारों व स्मारको को देख कर अन्दाजा लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मुंशीगंज गोली काण्ड के बाद पूरे जनपद में आग सी लग गयी। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मुंशी चन्द्रिका प्रसाद ने पस्तौर गाँव के निकट सई के किनारे स्थित मंदिर पर आन्दोलन का केन्द्र स्थापित कर दिया और हस्तलिखित अखबार के द्वारा आन्दोलन को धार देने लगे। अन्ततोगत्वा अंग्रेजो को भारत छोड़ना पड़ा। नवजान सभा के जिला सचिव क्रांतीकिशोर ने कहा कि आजादी के बाद आज तक जो भी सरकारें आयी उन्होंने हम शासन करने वालों की मजारों को आज तक जगह-जगह सुरक्षित कर रखा है जो हमें सदैव गुलामी की याद दिलाती है। उन्होंने कहा कि इस तरह के गुलामी की याद दिलाने वाले प्रतीकों को समाप्त कर दिया जाना चाहिए। श्रद्धान्जि सभा को पूर्व जिला पंचायत सदस्य बाबू जगजीवन, नवजवान सभा के जिला संयोजक राजेश कन्नौजिया, सहसंयोजक राजेश कुमार गुप्ता, आशीष कुमार, ललित कुमार, विजय कुमार, संदीप कुमार, राहुल कुमार, आशीष चैधरी, उदय चन्द्र वर्मा, आकाश अशुतोष मोबीन अहमद, द्वारा भी सम्बोधित किया गया और सहादत देने वाले किसानों को सभा के अन्त में इंकलाबी सलाम दिया गया। उपस्थित कार्यकर्ताओं के प्रति आभार प्रदर्शन जिलामंत्री सी0के0 आजाद द्वारा किया गया।

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