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Thursday, August 26, 2021

जहाँ चाह - वहां राह, आपदा में भी अवसर की तरकीब निकाली डॉ. अमित ने

असली कोरोना योद्धा बन लोगों की मदद को हर वक्त रहे तैयार 
कोरोना कॉल में एल-1 और एल-2 वार्ड में दी सेवाएं,  फोन पर भी लोगों का रखा ख्याल 

 शाहजहांपुर । कोरोना की संभावित तीसरी लहर को लेकर लोग आशंकित हैं | ऐसे में लोगों को कोरोना की संभावित तीसरी लहर से बचने के लिए किसी की मदद की जरूरत नही  बल्कि  शत प्रतिशत टीकाकरण कराने की और कोविड अनुरूप व्यवहार अपनाने की है |  खुद के साथ अपनों  को भी समझाएं  कि  कोरोना से लड़ने के लिए जीत का टीका अवश्य लगवाएं  ताकि पहली और दूसरी लहर की तरह एक बार फिर अपनी जान की परवाह किये बगैर लोगों की सेवा में हमारे फ्रंटलाइन वर्कर को जूझना पड़े | ज्ञात हो कि कोरोना के  शुरुआती दौर में  मार्च 2020 में जिस वक्त लोग कोरोना के नाम मात्र से  डरते थे, उस समय भी चिकित्सक और पैरा मेडिकल स्टाफ एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मचारी कोरोना पर काबू पाने  के लिए जन जागरूकता टीम, कोरोना परीक्षण टीम, कोरोना वार्ड में तैनात स्वस्थ्यकर्मी सहित सभी चिकित्सक  भगवान बनकर लोगों का उपचार और सेवाएं प्रदान करने में जुटे थे  |  इन्ही में शुमार हैं जिले के  डॉ . अमित यादव |  डॉ. अमित यादव  मूल रूप से जनपद हरदोई के निवासी हैं  और शाहजहांपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जलालाबाद में कार्यरत हैं l डॉ. अमित ने कोरोना की पहली लहर और दूसरी लहर में बिना किसी  भय के  एल-1 और एल -2 अस्पतालों में रात - दिन  लोगों को स्वास्थ्य  सेवाएं  प्रदान की हैं  l  कोरोना काल मे लोग जहां एक दूसरे  से बात तक नहीं करना  चाहते थे, उस दौर में डॉ. अमित कोरोना योद्धा बनकर काम कर रहे  थे |  

मिसाल बनकर मरीजों के बने मददगार

डॉ. अमित कोरोना की मार झेलने के बाद  अन्य बीमारियों से लड़ रहे मरीजों को  जलालाबाद के अस्पताल में सेवाएं देकर उनके  मददगार बने हैं । अगर कोई मरीज अस्पताल नहीं आ सकता था तो उसको टेलीमेडिसिन  के जरिये  सारी दवाइयों की जानकारी फ़ोन पर ही  देते थे और अब भी दे रहे हैं  ।  कोरोना की संभावित तीसरी लहर को लेकरउन्होंने कोई भय नहीं पाला । उन्होंने  धैर्य से काम  लिया और सतर्कता बरती । इसी दौरान उनकी दादी  का देहांत भी हो गया | उन्होंने उस दौरान भी अपनी सेवाएं जारी रखी | अगर किसी को असली सेवाएं  देनी है और आपदा में भी अवसर तलाशने  की कला सीखनी है तो डॉ.अमित से सीखे। डॉ. अमित ने कहा कि कोरोना काल मे लगातार तीन-तीन  माह  तक अपने परिवार से नहीं मिले, केवल मुसीबत के समय में मरीजों की मदद और सेवा पर ध्यान दिया | उन्होंने कहा कि ऐसे मुश्किल वक्त में  ही लोगों की सेवा करना असली सेवा है , ऐसा  मौका  बार-बार नहीं मिलता। आज  भी डॉ. अमित कुमार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर प्रतिदिन करीब  200 मरीजों को देखकर उनको स्वास्थ्य सेवाएं  दे रहे हैं | इसके साथ ही सभी को कोरोना टीकाकरण करवाने और कोविड अनुरूप व्यवहार अपनाने के  लिए प्रेरित भी  कर  रहे  हैं  l

रिपोर्ट : ज्ञान प्रकाश 
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र

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