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Saturday, November 3, 2018

डॉक्टर दीपा दीक्षित व राकेश दीक्षित की लापरवाही की बजह से एक महिला की चली गई जान

--दो छोटे छोटे बच्चों के सिर से मां का उठ का साया

--पीड़ित पति ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर डॉक्टर दम्पप्ति पर कार्रवाई की मांग की है

शाहजहांपुर। दीपक कुमार साहू पुत्र श्रवण कुमार नि.मो. अलीजई थाना सदर बाजार ने मुख्यमंत्री को भेजे प्रेषित पत्र में के. एल. मेमोरियल अस्पताल के डॉक्टर दम्पत्ति दीपा दीक्षित व राकेश दीक्षित द्वारा लापरवाही बरतने से उनकी पत्नी की जान लेने का आरोप लगाते हुए उक्त लोगों पर कार्रवाई की मांग की है। दीपक साहू ने भेजे पत्र में बताया कि से उसकी पत्नी शिखा साहू गर्भवती थी जिसका इलाज के.एल. मेमोरियल हास्पिटल, मशीनरी मार्केट, बहादुरगंज में डा.दीपा दीक्षित (महिला एवं प्रसूती रोग विशेषज्ञ) पत्नी डा. राकेश दीक्षित (ट्रामा हड्डी एवं जोड़ रोग विशेषज्ञ) से विगत छह माह से चल रहा था।  13 अक्टूबर को प्रातः 4 बजे अचानक सांस में दिक्कत एवं ब्लीडिंग होने के कारण पत्नी शिखा को उपरोक्त हास्पिटल ले गया। जहां मौजूद स्टाफ ने डाक्टर से फोन से दीपक वार्ता कराई तो डा.दीपा दीक्षित ने उनकी पत्नी को सांस की दिक्कत होना बताया और तत्काल नगर के कमला नर्सिंग होम के चिकित्सक डा. पवन कुमार अग्रवाल (हृदय एवं गुर्दा रोग विशेषज्ञ) फिजीशियन के पास चेकअप के लिए ले जाने को कहा और उनके यहाँ कोई फिजीशियन नहीं है। चेकअप कराकर आपरेशन स्वयं करने के लिए कहा जल्दी लौट आना। कमला नर्सिंग होम पहुंचने पर डा. पवन अग्रवाल ने चिकित्सीय परीक्षण उपरान्त बताया कि मरीज को हार्ट की समस्या बन रही है। आप इन्हें बरेली ले जाओ। प्रार्थी मरीज को लेकर घर वापस आया और बरेली जाने के लिए पैसे की व्यवस्थ करने में लग गया। प्रार्थी की पत्नी घर में आने के बाद कुछ नार्मल हो गयी तब प्रार्थी ने डा. दीपा दीक्षित को फोन द्वारा नार्मल होने का ब्यौरा दिया। तभी डा. दीपा दीक्षित ने एक आदमी अपने अस्पताल से घर भेजा और चेकअप कराया उसने डा. दीपा को सब नार्मल होने की सूचना फोन से दी। डा. दीपा ने प्रार्थी से कहा कि मरीज को शाम को ले आओ आप्ररेशन करके डिलीवरी कर देंगे। वह देहरादून से वापस लौट रही थी। प्रार्थी ने अपनी पत्नी को 13 अक्टूबर को अपरान्ह 1 बजे हास्पिटल में भर्ती करा दिया। अस्पताल में पहुंची डाक्टर ने 2:45 बजे  दीपक से आपरेशन से पहले दो यूनिट ब्लड की व्यवस्था करने को कहा। प्रार्थी ने निदान पैथालॉजी, अंटा चौराहा से ब्लड की व्यवस्था करके दी और ब्लड चढ़ने लगा। तभी डाक्टर ने दीपक से कहा कि 3-4 लोग तैयार रखना और ब्लड की भी आवश्यकता पड़ सकती है। दीपक कों डाक्टर ने आपरेशन करने का समय 6 बजे बताया और पैसे जमा कराने को कहा। दीपक ने अविलम्ब 15,000 रुपये तथा 1500 रुपये (बेहोशी के डाक्टर हेतु) कुल 16500 रुपये जमा कर दिए और दीपक से एक सादे फार्म पर हस्ताक्षर करवा लिए गए। जब दीपक ने सादे कागज पर हस्ताक्षर कराने का कारण पूछा तो कहा गया कि यह मात्र फार्मल्टी है। शाम 6 बजे जब डाक्टर आपरेशन करने नहीं आयी और मरीज की तबियत बिगड़ने लगी। सूचना करने के बाद रात्रि 8:15 बजे डा. दीपा दीक्षित एवं डा. राकेश दीक्षित शिखा को आपरेशन थिएटर में लेकर गए। और खून की व्यवस्था को तैयार रहने के लिए मरीज अस्पताल में आने पर डा. राकेश दीक्षित बाहर निकल आए। और शिखा का आपरेशन अधूरा छोड़ दिया। जिसकी नस काट दी गयी और ब्लीडिंग चालू रही और काफी खून बह गया। चिकित्सक दम्पत्ति ने संयुक्त रूप से बताया कि बच्चा व मां स्वस्थ है। और आपरेशन थिएटर से लाकर एक प्राइवेट वार्ड अतिरिक्त चार्ज जमा कराकर उसमें 8:50 पर शिफ्ट करवा दिया। लगभग डेढ़ से दो घंटे बाद शिखा की हालत बिगड़ने लगी और उसका शरीर ठंडा पड़ने लगा तब डाक्टर आयी और दीपक को सलाह दी कि इन्हें तत्काल बरेली ले जाओ वहां डाक्टर मेरे दोस्त है और उन्हें फोन कर दिया कि हम मरीज भेज रहे है देख लेना और मेरे साथ अपना एक आदमी राशिद भेज दिया। प्रार्थी आनन फानन डाक्टर द्वारा बुलाई गई एम्बुलेंस से बरेली के राम किशोर मेमोरियल हास्पिटल सी-6/1 स्टेडियम रोड निकट वोडाफोन आफिस, बरेली पहुंचां। पूरी रात्रि के बाद पहुंचते पहुंचते  सुबह 4:15 बजे अस्पताल में इमरजेंसी भर्ती कराया तो स्टाफ ने बताया सारे टांके टूट गए है। और काफी ब्लीडिंग हो चुकी हैं 7-8 यूनिट ब्लड की आवश्यकता होगी। सुबह 6:30 बजे आयी अस्पताल की डाक्टर नेहा गुप्ता ने बताया कि अगर ब्लीडिंग हो रही थी तो आपरेशन के समय बच्चेदानी निकाल देनी चाहिए। प्रार्थी ने उक्त बात बताने के लिए डा. राकेश दीक्षित व डा. दीपा दीक्षित को फोन किया तो दोनो ने ही फोन रिसीव नहीं किया। प्रार्थी व उसके परिजनों ने भाग दौड़ कर आई.एम.ए. ब्लड बैंक सिविल लाइंस से ब्लड की व्यवस्था की और अस्पताल पहुंचा तो पता लगा कि शिखा की मृत्यु हो चुकी है। अस्पताल प्रशासन ने दीपक से 5000 फाइल चार्ज के नाम पर जमा करा कर शव सुपुर्द कर दिया। दीपक चिकित्सकों की लापरवाही से काफी टूट गया है। दीपक का 150000 रूपये इलाज में व्यय खर्च हो गया। किन्तु 14 अक्टूबर को शिखा की भी मृत्यु हो गयी। जिससे दो छोटे छोटे बच्चों के सिर से मां का आँचल छीन गया। दीपक साहू ने मुख्यमंत्री को प्रेषित  पत्र में डॉ दीपा दीक्षित व डॉ. राकेश दीक्षित पर दंडात्मक कार्रवाई की मांग की है।

शाहजहांपुर से आशीष कुमार वैश्य की रिपोर्ट
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र

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