Translate

Thursday, November 15, 2018

किसानों को खून के आंसू रूला रही गोभी की फसल, बाहर भेजने पर हो रहा है घाटा

फतेहाबाद।। फतेहाबाद क्षेत्र में इन दिनों किसानों को गोभी की फसल खून के आंसू रूला रही है। फसल में किसानों को लागत मूल्य तो दूर ‌की बात, घाटा और हो रहा है। जिसके चलते किसान गोभी को फेंकने पर मजबूर हो रहे है। क्षेत्र में आलू का रकवा अधिक होने के कारण किसान अपने गोभी के खेतों को खाली करके आलू की बुआई कर रहे है। जिसके चलते मंडियों में गोभी की आवक तेजी से बढी है जिसके चलते गोभी का भाव धडाम से नीचे जा गिरा है। खुले बाजार में गोभी की कीमत 3 रूपये किलो तथा गोभी की आढत में इसकी कीमत 1 से 1.5 रूपये प्रति दर से बिक रही है। बहुतायत में गोभी का आवक के कारण मंडी के आढती भी इसे लेने से परहेज कर रहे है। क्षेत्र के बडे किसान गोभी की गाडियों को लोड कर गोरखपुर तथा दिल्ली की मंडियों में भेज रहे है। सारंगपुर निवासी किसान राम सिंह का कहना है कि उसने 20 बीघा जमीन में गोभी की फसल की थी जिसमें से भी आधी गोभी बाजार में आयी है जिसका मंडी तक लाने का भाडा भी नही निकल रहा। वह बाकी गोभी को खेत में जुतवाने का मन बना चुके है जिससे कम से कम भाडे की तो बचत होगी। वहीं दूसरे किसान रामदुलारे का कहना है कि उसने 150 पैकेट गोभी गोरखपुर मंडी भेजे थे जहां गोभी कि बिक्री के बाद खर्चा काटकर 500 रूपये अपनी जेब से भरकर गाडी का भाडा चुकाया। मंडी के आढतियों तथा किसानों का मानना है कि आगामी सालग के सीजन में गोभी की कीमत में सुर्खी आने की संभावना है। वहीं किसानों ने सरकार से गोभी खरीदने की भी अपील की।

सोनू सिंह ब्यूरो चीफ आगरा
अक्रॉस टाइम्स हिन्दी समाचार पत्र

No comments: