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Saturday, November 24, 2018

बदलते माहौल के चलते मेला भी सिमट चला है

कानपुर से मधुकर मोघे की रिपोर्ट
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र
कानपुर। बिठूर के गंगा तट पर लगने वाला वर्ष का सबसे बडा मेला कहलाने वाला कार्तिक पूर्णिमा का मेला जिसकी लोगो को वर्ष भर प्रतिच्छा रहती है। दो दशक पहले तहसील व जिला परिषद मेला ब्यवस्था देखा करते थे।बाद ब्यवस्था मे परिवर्तन हुआ बागडोर नगर पंचायत के हाथो मे आगयी। सूत्र बताते है  जिस मेला की तैय्यारी को लेकर जिलाधिकारी की अध्यक्षता मे विभागीय बैठकें महिनो पहले हुआ करती थी। पर इस बार हालात यह है कि एक भी बैठक आहूत नही की गयी। ब्यवस्था की बात चली है तो मेला स्थल तक आने वाले मार्गों पर लगे जाम मे फंस कर यात्री तौबा कर रहा है। यातायात पुलिस बस दिखावे के लिए है। सिविल पुलिस का हाल यह है कि घाटो पर कोई जलीय दुर्घटना हुई नही तो उनके होने पर प्रश्न उठ रहे है। आज संपन्न हुए कार्तिक पूर्णिमा मिले में जहां कानपुर के अलावा अन्य जिलों से आए लाखों श्रद्धालुओं ने श्रद्धा की डुबकी सूर्य उदय होने के साथ-साथ हर हर गंगे का जयकारा लगाकर लगाई तो वहीं हजारों श्रद्धालु लखनऊ को जोड़ने वाले बिठूर उन पर ही फंसे रह गए बिठूर पुल पर सुबह 7:00 बजे से लगा हुआ जाम दोपहर 1:30 बजे जाकर समाप्त हुआ आज से लगभग दो दशक पूर्व बिठूर में कार्तिक पूर्णिमा मेले को लेकर एक माह पहले से ही तैयारी शुरू हो जाती थी पर अब मिला केवल नाम मात्र का ही रह गया है आज बिठूर ब्रह्मावर्त घाट पत्थर घाट बारादरी घाट सीता घाट लक्ष्मण घाट गोदारा घाट भज्जू घाट शुक्ला घाट भैरव घाट समेत आधा दर्जन कच्चे पक्के घाटों पर लाखों श्रद्धालुओं ने प्रातः 4:00 बजे से ही गंगा में स्नान करना प्रारंभ कर दिया है ऐसी मान्यता है कि आज के दिन गंगा मृत्युलोक में राजा भगीरथ के हजारों वर्षों की तपस्या के बाद आई थी और आज ही के दिन राजा भगीरथ के कई हजार पुरखों को गंगा ने तारा था तब से यह दिन बहुत पुण्य माना गया है आज जो गंगा में स्नान कर दान पुण्य करता है उसे गंगा मां  से मनोवांछित फल प्राप्त होता है सुरक्षा के मद्देनजर घाटों पर जल पुलिस की चार बोटों के अलावा सिपाही एवं दरोगा तैनात थे जिसके चलते कोई अप्रिय घटना ना हो सकी। श्रद्धालुओं ने गंगा में श्रद्धा की डुबकी लगाकर अपने परिवार की कुशलता के लिए गंगा मां से प्रार्थना की और दान पुण्य किया। संपन्न हुए मेले में उरई कालपी जालौन झांसी इटावा पुखरायां के अलावा अन्य जिलों से भी श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए आए थे l

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