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Thursday, November 15, 2018

देव वाणी है संस्कृति इसकी साधना : अम्बरीष उपाध्याय

कानपुर से मधुकर मोघे की रिपोर्ट
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र
कानपुर। गत एक सप्ताह से बिठूर के सनी देव मन्दिर निकट नेत्रपाल वेद पाठशाला  मे संस्कृति उत्थान शिविर का आयोजन किया गया। जिसका आज दीप प्रज्वलन शुभारम्भ हो गया।  मुख्य अतिथी आचार्य अम्बरीष उपाध्याय ने अपने उदबोधन मे कहा कि विश्व की असंख्य भाषाओ की जननी देव वाणी संस्क्रित ही है। भारत वास्तव मे देव भूमि रहा है यहाँ मनुज रूप मे स्वयं नारायण श्री क्रष्ण और राम परशुराम आदि रूप मे आए उन्होने अर्जुन को गीता के माध्यम से वैराग्य की अनुभूति कराई वह गीता संस्क्रत भाषा मे लिखित सन्देश रहा है। वेद आदि काउदगम संस्क्रित ही रही है।हिन्दी या अन्य भाषा तार्किक रूप से  स्थान की आवश्यक्ता को ध्यान मे रख सरलीकरण किया जाता रहा है। ताकि ब्यक्ति व्यवस्थित कहने वाले के भाव समझ पाए इस मौके पर वेदिका उपाध्याय, मध्यप्रदेश के गंजबासोदा से आए गिरीश मण्डपे स्वयं मधुकर राव मोघे आदि मौजूद थे।

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