Translate

Sunday, September 15, 2019

हिन्दी सेनानी रविन्द्र सिंह चैहान ने भाषा के विरुद्ध किया सत्याग्रह

अंग्रेजी भाषा के विरुद्ध किया सत्याग्रह

रायबरेली।। अंग्रेजी भाषा की गुलामी के विरुद्ध 51 वर्ष से संघर्ष कर रहे हिंदी सेनानी रविंद्र सिंह चौहान , ने शनिवार को हिंदी दिवस पर टीकर गांव स्थित स्वतंत्रता संग्राम सेनानी राजेंद्र बहादुर सिंह के समाधि स्थल पर एक दिवसी सत्याग्रह किया । उनके साथ इस उपवास में उदयवीर सिंह , संजय प्रताप सिंह , कौशलेंद्र सिंह , सर्वेश सिंह , सहदेव पाल , स्मृति सिंह , पूजा यादव , केश कुमार , वर्तिका सिंह , समेत स्कूली बच्चों ने भी भाग लिया । रविंद्र सिंह चौहान को 15 जून 1968 में मेरठ स्थित रक्षा लेखा विभाग में भुगतान आदेश पर बतौर ऑडिटर हिंदी हस्ताक्षर करने पर रोक लगाई गई थी , जिसे उन्होंने मानने से अस्वीकार कर दिया था । नतीजतन उन्हें प्रताड़ित किया गया , और कश्मीर स्थानांतरित कर दिया गया था । जहां उन्होंने जून 1970 में सेवा से सशर्त त्यागपत्र दे दिया था । विभाग ने चुपचाप त्यागपत्र स्वीकार कर लिया , जांच भी नहीं कराई । चौहान की हिंदी सम्मान की लड़ाई में तत्कालीन भारत सरकार के हिंदी सलाहकार डॉ रामधारी सिंह दिनकर , राज्य वित्त मंत्री विद्याचरण आदि साथ रहे । रविंद्र नेबताया कि 25 जनवरी 2019 को पूर्व गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा मंत्री को पत्र भेजने की बात कही थी । अब राजनाथ सिंह स्वयं रक्षा मंत्री हैं । इलाहाबाद के लोकतंत्र सेनानी धनपत पांडे ( जो कि राजनाथ सिंह के साथ नैनी जेल में आपातकाल में रहे हैं ) ने भी 9 सितंबर 2019 को पत्र लिखकर न्याय दिलाने का आग्रह किया है ।

जावेद आरिफ ब्यूरो चीफ रायबरेली
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र

No comments: