ग्रामीण बेरोजगार युवकों से निशुल्क कोर्स के वसूल रहे शुल्क
बछरावां रायबरेली।। युवाओ में तकनीकी दक्षता बढ़ाने व रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री की महत्वपूर्ण योजना कौशल विकास योजना को उनके संबंधित केंद्र ही पलीता लगाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। सरकार का उद्देश्य है कि हर युवा को पसंद के अनुसार ट्रेड में दक्ष बनाना। जिससे उसे आसानी से रोजगार उपलब्ध हो जाये या वह तकनीकी प्रशिक्षण प्राप्त कर स्वतः कोई रोजगार कर ले। इन कौशल विकास मिशन केंद्रों में निःशुल्क प्रशिक्षण की व्यवस्था होती है। लेकिन प्रायः सुनने में आता है। इन केंद्रों में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले बच्चों से शुल्क लिया जाता है। ऐसा ही मामला ग्लोबल इंस्टीट्यूट द्वारा संचालित कौशल विकास केंद्र बछरावां रायबरेली में संचालित किया जा रहा है। जिसके संचालक विनय है। कम्प्यूटर मे ट्रिपल C कोर्स करने वाले छात्र उमेश ने मार्च 2019 में इस संस्था में 10000रुपए दिए तो संस्था द्वारा केवल 1000 रुपए की रसीद उमेश को दी गई। जो भी एक धोखाधड़ी है। बछरावां में कौशल विकास का यह केंद्र केवल सरकारी धन की लूट और बंदरबांट करने में लगा हुआ है। उप्र सरकार जो भी लाभकारी योजनाये युवाओ के प्रशिक्षण के लिए संचालित करती है। वे मानक के अनुसार चलाई जाती है। इनको देखने और इनकी मॉनिटरिंग की व्यवस्था बिलकुल ठीक नही है। इन प्रशिक्षण केंद्रों में अनट्रेंड युवाओं द्वारा प्रशिक्षण दिया जाता है। जिले से लेकर प्रदेश स्तर पर अधिकारियो की फौज है।लेकिन इनकी निगरानी और देखने की फुर्सत नही है।जिससे यह पता नही चल पाता ।यह केंद्र सरकार द्वारा अनुदानित है या नही। यह जिला प्रशासन का कर्तव्य है कि जिले में संचालित कौशल विकास केंद्रों की लिस्ट अखबारों और जिले की वेव साइट पर उपलब्ध कराना चाहिये।जिससे बेरोजगार युवाओं को कोई परेशान न कर सके।सरकार की मंशा के अनुसार कौशल विकास मिशन युवाओ को रोजगारोन्मुखी बना सकने में समर्थ हो। प्रधानमंत्री की प्रमुख योजना में से एक कौशल विकास योजना उच्चाधिकारियों को टीम बनाकर इस केंद्र कोडी बार घोषित करके लाइसेंस संबद्धता रद्द की जानी चाहिए जिससे छात्रों का भविष्य अंधकार में ना हो।
जावेद आरिफ ब्यूरो चीफ रायबरेली
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र
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