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Sunday, June 23, 2019

गुरू बिन मानव का जीवन व्यर्थ



मधुकर राव मोघे ब्यूरो चीफ कानपुर
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र
कानपुर। बिठूर के सुधासू आश्रम मे गुरु बिना मनुष्य का जीवन निरर्थक है जब मनुष्य जन्म लेता तो उसके जीवन में पहले गुरु की पहचान मां के रूप में होती है यह वचन गुरु पूर्णिमा से पहले रविवार को सिद्ध धाम आश्रम बैकुंठपुर मैं आयोजित गुरु दीक्षा कार्यक्रम में सुधांशु जी महाराज ने मंच से कहे। उन्होंने कहा कि बिना गुरु के जीव का इस माया रुपी संसार में भवसागर पार कर पाना असंभव है क्योंकि गुरुजी एक माध्यम है जिसके माध्यम से मनुष्य ईश्वर के परम सप्ताह के बारे में जान पाता है बिना गुरु के मार्गदर्शन के जीव मोक्ष को प्राप्त नहीं कर सकता । जिस प्रकार भक्त ध्रुव जब ईश्वर की खोज करने निकले तो उन्हें गुरु के रूप में नारद जी ने गुरु दीक्षा दी तब भक्त ध्रुव ने घोर तपस्या कर परम पद को प्राप्त किया था बिना गुरु ज्ञान के मानव के भाव सागर से पार नहीं कर सकता है तो आज समय में सच्चे गुरु की शरण में रहने से ही मनुष्य जीवन का सही मार्गदर्शन प्राप्त कर सकता है । आज आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत गुरु के रूप में विराजमान सुधांशु जी महाराज की आरती से प्रारंभ हुआ इसके बाद गुरु दीक्षा का कार्यक्रम प्रारंभ हुआ जिस में आए हुए समस्त भक्तों ने गुरु स्वरूप खड़ाऊं का पूजन कर आरती की। मौके पर प्रमुख रूप से आरपी सिंह प्रधान किशोर काया मंदिर के प्रमुख आचार्य रजनीश के अलावा सैकड़ों भक्त मौजूद रहे ।

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