कानपुर से मधुकर मोघे की रिपोर्ट
अक्रॉस टाइम्स हिन्दी समाचार पत्र
कानपुर । नैतिकता का पतन अब हो जाना कोई बडी नही रह गया है वह फिर क्यू न धरती का भगवान कहे जाने वाले डाक्टर जो इंसान को जीवनदान देने का कार्य करते है । पर इस योगी राज में ये कहना अब और मुश्किल हो गया है।आज देश का चौथा स्तम्भ कहे जाने वाले पत्रकार की प्रतिष्ठा का कोई मोल नहीं। इस देश में अब पत्रकार को गोली मारना पत्रकार पर हाथ उठाना गालियां बकना आम बात हो गयी है। मामला कानपुर के उर्सला अस्पताल का है। जहां एक वरिष्ठ पत्रकार कमल शंकर मिश्रा ने जो अपनी माता जी को उर्सला हस्पताल मे भर्ती कराने गए थे। इलाज में हो रही लापरवाही के खिलाफ जब पत्रकार ने आवाज उठाई । तो पूरे आई सी यू स्टाफ ने उन पर हमला बोल दिया। उनके कपड़े फाड डाले यहाँ तक उनक साथ मार पीट की
अन्य पत्रकारो द्वारा बीच बचाव करने पर ।स्टाफ ने अन्य पत्रकारों को जूतों से मारने की धमकी तक दे डाली।हालात के मद्देनजर आज चाहे सरकारी अस्पताल हो या प्राइवेट अस्पताल यहां डाक्टर अब भगवान नहीं शैतान यहाँ तक हैवान बन गये है। उन्हें किसी के दर्द का कोई एहसास नहीं रह गया । रोजाना सैकड़ों मरीज इन हैवानो की वजह से प्रताड़ित किये जाते है कई लोग तो अपने मरीज के इलाज के लिये अपनी सारी दौलत तक उडा देते है।
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Wednesday, March 7, 2018
पत्रकार संग उर्सला स्टाफ ने की मारपीट अन्य के लिए दी धमकी
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