आगरा। अभी कुछ दिन पहले एत्मादपुर थाना क्षेत्र में सीएचसी अस्पताल में तैनात डॉक्टरों का ऑडियो वायरल होने का मामला ठंडा भी नहीं हुआ था कि अब एत्मादपुर थाना क्षेत्र का सीएचसी अस्पताल एक बार फिर से चर्चाओं में आ गया है। एत्मादपुर के सीएससी अस्पताल का मामला बाह के सीएचसी अस्पताल से बड़ा है। एत्मादपुर के सीएससी अस्पताल में आने वाली सरकारी दवाइयों की सुविधा बीमार और गर्भवती महिलाओं तक नहीं पहुंच पा रही हैं। सीएससी अस्पताल में दवाइयों का बड़ा खेल चल रहा है। कमीशनखोरी के चक्कर में डॉक्टर बाहर से मेडिसिन मंगाते हैं और सरकार की दवाइयों को यूंही गड्ढे और कूड़े में फेंक कर नष्ट किया जाता है। बताते चले सीएससी अस्पताल में तैनात एक कर्मचारी के मुंह पर कपड़ा बांधे हुए था और यहां सरकारी दवाइयों को आग के हवाले किया जा रहा था। मामला साफ था कि सरकार के द्वारा आने वाली दवाइयों को नष्ट करके सबूत मिटाएं जा रहे हैं और सरकार को लिखित में दिया जा रहा है। जी हां हमने सरकार की सुविधाओं को जनता तक पहुंचा दिया है। हजारों और लाखों रुपयों की दवाइयों को सीएससी अस्पताल एत्मादपुर के कर्मचारी कूड़े के ढेर में छुपा कर आग के हवाले कर रहे थे। तभी मीडिया को देख कर्मचारी सकपका गए और जवाब कुछ यू देने लगे। दरअसल आपको बताता दे जलाई जा रही दवाइयों की एक्सपायरी डेट अक्टूबर 2018 लिखी है। यानी साफ है कि यह दवाइयां अभी तक एक्सपायर नहीं हुई है तो फिर इन दवाइयों को आग के हवाले करके नष्ट क्यों किया जा रहा है । बोरों में बंद हजारों और लाखों रुपयों की सरकारी दवाइयों को यहां पर तैनात कर्मचारी और अधिकारी नष्ट करके यूं ही डकार रहे हैं ।
क्या है नियम
1. अगर नियम की बात करें तो दवाइयां एक्सपायर हो जाती है तो भी उन्हें सीएससी अस्पताल को नष्ट करने का अधिकार नहीं है।
2. जबकि नियम यह है कि एक्सपायरी दवाइयों का स्लाट विभाग और कंपनी को वापस जाता है।
यहां कोई भी बताने को राजी नहीं कि आखिर इन दवाइयों को नष्ट क्यों किया जा रहा है। सीएससी अस्पताल में चिकित्सा अधिकारी मौजूद नहीं थे। कर्मचारी बोलने को राजी नहीं थे तो फिर जवाबदेही भी तय होनी चाहिए कि आखिर सरकार की योजना को पलीता लगा कर और सरकारी दवाइयों को नष्ट करने वाले सीएससी अस्पताल में तैनात कौन-कौन से अधिकारी और कर्मचारी शामिल है। निसंकोच कहा जा सकता है कि एत्मादपुर का सीएससी अस्पताल भ्रष्टाचार का अड्डा बना हुआ है। सरकार की सुविधाएं जनता तक नहीं पहुंच रही है और गर्भवती महिलाओं के साथ बीमार लोगों का हक सीएससी अस्पताल में तैनात कर्मचारी मार रहे हैं।
सोनू सिंह ब्यूरो चीफ आगरा
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र
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