छापे से पहले बाहर कर दिये गये प्राइवेट कर्मचारी और उनसे जुड़े दलाल
डीएम, एसएसपी के औचक छापे से पहले ही पहुंच गई थी सूचना
मथुरा।। जनपद के एआरटीओ कार्यालय पर जिला प्रशासन ने एक बार फिर छापामार कार्यवाही की। चार दलालों को कार्यालय से हिरसत में लिया गया है। उनसे पूछताछ की जा रही है जिससे उनके दूसरे साथियों की भी जानकारी जुटाई जा सके। डीएम सर्वज्ञराम मिश्र, एसएसपी प्रभारक चौधरी, एसडीएम सदर, सीओ सिटी ने सुबह कार्यवाही की। प्रशासन की कार्यवाही से कार्यालय में हड़कंप मच गया। लोग इधर उधर भागने लगे। कार्यालय के बाहर काउंटरों पर बैठे कई लोग भी अचानक भाग खड़े हुए। इस दौरान पुलिस बल भी मौजूद रहा। एआरटीओ कार्यालय की लगातार शिकायतें डीएम तक पहुंच रही थीं। इससे पहले भी भ्रष्टाचार के आरोपों में कार्यालय के कई अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्यवाही हो चुकी है।
जो महत्वपूर्ण काम सम्हाल रहे वह न प्राइवेट कर्मचारी हैं, न सरकारी
एआरटीओ कार्यालय पर जो लोग महत्वपूर्ण काम सम्हाल रहे हैं वह न सरकारी कर्मचारी हैं और नहीं प्राईवेट। ऐसे करीब 20 लोग एआरटीओ कार्यालय में महत्वपूर्ण काउंटरों पर काम कर रहे हैं। इन काउंटरों पर काम कर रहे इन्हीं लोगों के दलाल बाहर सक्रिय रहते हैं। इन दलालों के माध्यम से ही काम करापाना संभव है। इन कर्मचारियों का कोई रिकार्ड कार्यालय में मौजूद नहीं है।
ये कर्मचारी कर रहे काम
चंद्रवीर और राजेंद्र दोनों कैश की रशीद काटते हैं, खड़की नंम्बर एक और दो पर यह बेहमद महत्वपूर्ण सीट है। वीरेंद्र फिटनेस देखता है, लक्ष्मण चौधरी फाइल देखता है, अखिलेश लाइसेंस फीड करता है, निहाल सिंह आरसी फीड करता है, ऋषि लाइसेंस डिसपेच करता है, धीरज शर्मा लाइसेंस का सत्यापन करता है, काली और बंटी अधिकारी से मिलने की सैटिंग करते हैं। काली, बंटी और कृष्णा ही ड्राइविंग टैस्ट पास कराने की सेटिंग करते हैं। इनके अलावा रवि, हरवीर चौधरी, पप्पू, दिलीप, मौनू, हरीश, प्रवीण, गांधी, दीपक, रामी, कृष्णा, बंटी, सौरभ आदि 20 व्यक्ति एआरटीओ कार्यालय पर काम कर रहे हैं जो न सरकारी कर्मचारी हैं और नहीं प्राइवेट, इन्हीं के माध्यम से अधिकारी उगाही कर रहे हैं।
आतंकी कसाब का बना था मथुरा एआरटीओ कार्यालय से लाइसेंस
आंतकी कसाब का ड्राइविंग लाइसेंस मथुरा एआरटीओ कार्यालय से ही जारी हुआ था। इस घटना के बाद देश भर में मथुरा एआरटीओ कार्यालय चर्चित रहा था। इसके बाद हुई कार्यवाही में एआरटीओ कार्यालय के अंदर समानांतर कार्यालय चलता पकड़ा गया था। कई कर्मचारी तथा अधिकारियों पर इसके बाद कार्यावाही हुई और जेल भेजा गया। अब भी कार्यावाही का कर रहे हैं सामना कई कर्मचारियों पर इस समय भी भ्रष्टाचार के आरोप में मुकदमा चल रहे हैं। लगातार दूसरे प्रदेशों से यहां टीमें जानकारी जुटाने के लिए आती रहती हैं। एआरटीओ कार्यालय अपनी अवैध गतिविधियों के लिए लगातार चर्चा में रहता है।
कश्मीर सिंह मण्डल संवाददाता आगरा
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र
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