मोहम्मदी,लखीमपुर खीरी।। एक और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सर्व शिक्षा अभियान के तहत बच्चों के भविष्य को उज्जवल बनाने तथा उन को शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी होने के लिए काफी प्रयास व पैसा खर्च किया जा रहा है और बच्चों को स्कूलों की ओर आकर्षित करने के लिए सरकार ने कई सारी योजनाओं के तहत स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को वजीफा के अलावा खाने के लिए मुफ्त भोजन के तौर पर मिड डे मील तक दिया जा रहा है वहीं दूसरी तरफ जनपद के शिक्षा अधिकारी तथा स्कूलों के प्रधानाचार्य की लापरवाही के कारण प्राथमिक विद्यालयों की हालत दिन प्रतिदिन खास्ता होती जा रही है जिससे शहर का एक तबका ऐसा जो अपने बच्चों को प्राथमिक विद्यालय में पढ़ाने से भी कतराने लगे हैं प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार तहसील से लेकर जनपद तक सभी प्राथमिक विद्यालय में पढ़ाई करने वाले बच्चों का भविष्य पूर्ण रुप से अंधकार में दिख रहा है जनपद के प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों के खाने के लिए मिड डे मील की व्यवस्था की गई थी लेकिन वह भी स्कूलों के प्रधानाचार्य तथा शिक्षा अधिकारियों की मिलीभगत के कारण बच्चों के पेट में जाने के बजाय यही लोग उसको हजम कर रहे हैं वही स्कूलों के छात्र-छात्राओं ने अपने प्रधानाचार्य पर यहां तक आरोप लगाया कि स्कूलों में जो विटामिन मिलता है वह निर्णय के अनुसार नहीं दिया जाता है और जो मिल नहीं रहा है वह काफी विवादों खराब होता है जिसको लेने के बाद बच्चे उसे खाने के बजाए फेंकना ज्यादा मुनासिब समझते हैं कुछ विद्यालयों को छोड़कर लगभग 70% विद्यालयों में यही व्यवस्था चल रही है विद्यालय में हो रही पढ़ाई के संबंध में जब पूछा गया तो बच्चों ने कहा कि स्कूलों में हमें पढ़ाने वाले अध्यापकों की काफी कमी है इस कारण से दो-तीन अध्यापक ही सभी विषयों को पढ़ाते हैं इस कारण हमारी पढ़ाई पर काफी फर्क पड़ रहा है जिसके चलते बच्चे स्कूलों में भी पढ़ने कम ही आते हैं इससे हमारी कक्षा कम लगती हैं ।
मोहम्मदी,लखीमपुर खीरी से शिवेंद्र सिंह सोमवंशी की रिपोर्ट
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र
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