भाजपा सरकार में खुले आम हो रही गुण्डा गर्दी, अपराध को रोकने में जिला प्रशासन नाकाम
-अपने पुलिस कप्तान की भी नहीं सुन रहे थानेदार
- अपराध को नियन्त्रित करने में फेल हो गयी जिले की पुलिस
-अपने आपकों सुरक्षित महसूस नहीं कर रही जनता
जावेद आरिफ ब्यूरो चीफ रायबरेली
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र
रायबरेली । प्रदेश में भाजपा की सरकार बनते ही जनता में यह आश जगी थी की अब प्रदेश से गुण्डा राज, भ्रश्टाचार, का खत्मा होगा। भाजपा द्वारा इसी को चुनावी मुद्दा भी बनाया गया था (न गुण्डा राज न भ्रश्टाचार अबकी बार भाजपा सरकार) का जोरदार प्रचार प्रसार जनता में किया गया था। इसी को जनता ने स्वीकार करते हुए प्रदेश में पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनवाई। लेकिन यहा तो सब उल्टा ही नजर आ रहा है। यहीं जनता अब अपने आपकों ठगी हुई महसूस कर रही है। जनता अपने आपकों सुरक्षित महसूस नहीं कर रही है। भाजपा सरकार में भी पूर्व सरकार की भाॅति खुले आम गुण्डागर्दी, भ्रश्टाचार हो रहा है। सरकार इन गुण्डो, और भ्रश्टाचारियों पर अंकुश लगाने में असमर्थ दिखाई पड रही है। प्रदेश में योगी के मुख्य मंत्री की शपथ लेते ही नवजवानों में यह आष जगी थी की कही न कही प्रदेश के युवा मुंख्य मंत्री योगी आदित्य नाथ युवाओं के बारे में सोचेंगे और युवाओं को रोजगार देंगे लेकिन यहाॅ भी पढे लिखे बेरोजगार नौजवानों के साथ धोखा हुआ। प्रदेश में खुले आम घर में घुसकर मर्डर हो रहे है और पुलिस को पता तक नहीं चल पाता। पुलिस खुलेआम गुण्डो को संरक्षण प्रदान करती है बिना पुलिस के सांठ गांठ के कोई भी अपराध मुमकिन नहीं है। वही पुलिस के आलाधिकारी कोई बडा काण्ड हो जाता है तो सिर्फ छोटे पुलिस कर्मचारियेां को सस्पेन्ड कर के खानापूर्ति कर लेती है। अपराध कैसे हुआ क्यों हुआ इस तह तक जाना उचित नहीं समझती है। भाजपा की सरकार बनते ही रायबरेली में जिस तरह से अपराध का ग्राफ बढा है उससे साफ नजर आता है कही न कही कुछ तो दाल में काला है। सोचने वाली बात यह है कि रायबरेली से भाजपा के तीन बिधायक है उसके बाद भी वह शासन और प्रशासन पर दबाव बना पा रहे है। यही नही जिले के प्रभारी मंत्री नन्दगोपाल नंन्दी भी जिले में अपराध को रोकने में असमर्थ हो गये है। क्योकि उनके आदेश के बाद भी जिले का प्रषासन अपराध को रोक पाने में कामयाब नहीं हो रहे है। आये दिन हत्या, अपहरण, लूट, बलात्कार जैसी घटनायें घट रही है। और पुलिस इन घटनाओं की एफ0आई0आर दर्ज करने में हीला हवाली करती रहती है। अगर मामला उच्चअधिकारियों तक पहुॅच जाता है तो एफ0आई0आर दर्ज होती है। नही ंतो मामले लेन देन करके ठण्डे बस्ते में डाल दिया जाता है। यहीं से अपराध की बुनियाद शुरू हो जाती है अपराधियों के हौसले बुलंद हो जाते है। पुलिस अगर शिकायत मिलने पर तुरन्त कार्यवाही करे तो काफी हद तक अपराध को रोका जा सकता है। परन्तु ऐसा पुलिस किसी भी कीमत में करने को तैयार नहीं होती है। भाजपा सरकार में पुलिस में भी भाजपा के नेताओं की नहीं सुनी जाती है। भाजपा विधायकों का आलम यह की उनके जनता दरबार में कोई पीड़ित या फिर कोई गम्भीर प्रकरण आता है और अगर विधायक सम्बन्धित विभाग को फोन करके मामले से अवगत कराता है तो फोन पर तो आश्वासन दे दिया जाता है कि काम हो जायेगा लेकिन जनता जब सम्बन्धित विभाग के अधिकारियों के पास जाती है तो उन्हें मायूसी ही हाथ लगती है। यहीं नहीं आलम तो यहा तक है थानेदार अब अपने पुलिस कप्तान की भी नहीं सुन रहे है।
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र
रायबरेली । प्रदेश में भाजपा की सरकार बनते ही जनता में यह आश जगी थी की अब प्रदेश से गुण्डा राज, भ्रश्टाचार, का खत्मा होगा। भाजपा द्वारा इसी को चुनावी मुद्दा भी बनाया गया था (न गुण्डा राज न भ्रश्टाचार अबकी बार भाजपा सरकार) का जोरदार प्रचार प्रसार जनता में किया गया था। इसी को जनता ने स्वीकार करते हुए प्रदेश में पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनवाई। लेकिन यहा तो सब उल्टा ही नजर आ रहा है। यहीं जनता अब अपने आपकों ठगी हुई महसूस कर रही है। जनता अपने आपकों सुरक्षित महसूस नहीं कर रही है। भाजपा सरकार में भी पूर्व सरकार की भाॅति खुले आम गुण्डागर्दी, भ्रश्टाचार हो रहा है। सरकार इन गुण्डो, और भ्रश्टाचारियों पर अंकुश लगाने में असमर्थ दिखाई पड रही है। प्रदेश में योगी के मुख्य मंत्री की शपथ लेते ही नवजवानों में यह आष जगी थी की कही न कही प्रदेश के युवा मुंख्य मंत्री योगी आदित्य नाथ युवाओं के बारे में सोचेंगे और युवाओं को रोजगार देंगे लेकिन यहाॅ भी पढे लिखे बेरोजगार नौजवानों के साथ धोखा हुआ। प्रदेश में खुले आम घर में घुसकर मर्डर हो रहे है और पुलिस को पता तक नहीं चल पाता। पुलिस खुलेआम गुण्डो को संरक्षण प्रदान करती है बिना पुलिस के सांठ गांठ के कोई भी अपराध मुमकिन नहीं है। वही पुलिस के आलाधिकारी कोई बडा काण्ड हो जाता है तो सिर्फ छोटे पुलिस कर्मचारियेां को सस्पेन्ड कर के खानापूर्ति कर लेती है। अपराध कैसे हुआ क्यों हुआ इस तह तक जाना उचित नहीं समझती है। भाजपा की सरकार बनते ही रायबरेली में जिस तरह से अपराध का ग्राफ बढा है उससे साफ नजर आता है कही न कही कुछ तो दाल में काला है। सोचने वाली बात यह है कि रायबरेली से भाजपा के तीन बिधायक है उसके बाद भी वह शासन और प्रशासन पर दबाव बना पा रहे है। यही नही जिले के प्रभारी मंत्री नन्दगोपाल नंन्दी भी जिले में अपराध को रोकने में असमर्थ हो गये है। क्योकि उनके आदेश के बाद भी जिले का प्रषासन अपराध को रोक पाने में कामयाब नहीं हो रहे है। आये दिन हत्या, अपहरण, लूट, बलात्कार जैसी घटनायें घट रही है। और पुलिस इन घटनाओं की एफ0आई0आर दर्ज करने में हीला हवाली करती रहती है। अगर मामला उच्चअधिकारियों तक पहुॅच जाता है तो एफ0आई0आर दर्ज होती है। नही ंतो मामले लेन देन करके ठण्डे बस्ते में डाल दिया जाता है। यहीं से अपराध की बुनियाद शुरू हो जाती है अपराधियों के हौसले बुलंद हो जाते है। पुलिस अगर शिकायत मिलने पर तुरन्त कार्यवाही करे तो काफी हद तक अपराध को रोका जा सकता है। परन्तु ऐसा पुलिस किसी भी कीमत में करने को तैयार नहीं होती है। भाजपा सरकार में पुलिस में भी भाजपा के नेताओं की नहीं सुनी जाती है। भाजपा विधायकों का आलम यह की उनके जनता दरबार में कोई पीड़ित या फिर कोई गम्भीर प्रकरण आता है और अगर विधायक सम्बन्धित विभाग को फोन करके मामले से अवगत कराता है तो फोन पर तो आश्वासन दे दिया जाता है कि काम हो जायेगा लेकिन जनता जब सम्बन्धित विभाग के अधिकारियों के पास जाती है तो उन्हें मायूसी ही हाथ लगती है। यहीं नहीं आलम तो यहा तक है थानेदार अब अपने पुलिस कप्तान की भी नहीं सुन रहे है।
क्या कहते है पुलिस कप्तान
जब जिले में बढ़ रहे अपराध के बारे में पुलिस कप्तान शिवहिर मिणा से बात की गई तो उन्होंने कहा की सभी थानाध्यक्षों को निर्देशित किया गया है कि वह अपने अपने क्षेत्र के अपराधियों को चिन्हित कर उन पर कार्यवाही करे। और उन पर नजर रखे। अपराध को लेकर पुलिस पूरी तरह से सजग है। अपराध को रोकने के लिए पुलिस रात्रि में गस्त करेंगी।
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