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Saturday, September 30, 2017

रामलीला मंचन देखकर भक्त हुए भाव विभोर

रामलीला मंचन देखकर भक्त हुए भाव विभोर

जावेद आरिफ ब्यूरो चीफ रायबरेली
अक्रॉस टाइम्स हिन्दी समाचार पत्र
रायबरेली।
सलोन में खेली जा रही अवध की रामलीला में जटायु का भाई संपाती हनुमान को बताता है कि रावण ने माता सीता को लंका में अशोक वाटिका में रखा है। इस पर भगवान राम हनुमान को अपनी अंगूठी देकर लंका भेजते हैं। हनुमान समुद्र पार कर लंका स्थित अशोक वाटिका में पहुंचते हैं। पेड़ पर चढ़ कर राम की दी गई अंगूठी नीचे गिराते हैं। जिसे देखकर माता सीता आश्चर्यचकित हो जाती हैं। माता जानकी का संताप हरने के लिए रामभक्त हनुमान अपना स्वरूप दर्शाते हैं। भूख लगने पर हनुमान सीताजी से अनुमति लेकर अशोक वाटिका में लगे फलों को तोड़ कर खाते हैं। इसकी जानकारी मिलने पर रावण क्रोधित हो जाता है। मेघनाथ ब्रह्मास्त्र का प्रयोग कर रामसेवक को बांध कर लंकेश के दरबार में पेश करता है। बाद में सजा के तौर पर रावण हनुमान की पूछ में आग लगाने का आदेश देते हैं। आग लगते ही हनुमान पूरी लंका में आग लगा कर उसे नष्ट कर देते हैं। और वापस आकर माता सीता के साकुशल होने की जानकारी प्रभु श्री राम को देते है।वही लंकाधीश रावण के भाई कुंभकरण के वध के बाद  पुत्र मेघनाद भगवान राम से युद्ध करने आता है। कुंभकरण की मृत्यु का समाचार सुनकर लंका में घबराहट फैल गई। रावण की चिंता देखकर मेघनाथ क्रोध में आकर युद्ध के लिए आता है।श्रीराम-लक्ष्मण तथा मेघनाथ के बीच घमासान युद्ध होता है। मेघनाद श्रीराम-लक्ष्मण को नागपाश में बांध लेता है इससे पूरी वानर सेना स्तब्ध रह जाती है। तभी भगवान विष्णु के वाहन गरुड़ आकर नागपाश काटते है। युद्ध में विजय प्राप्ति के लिए मेघनाद यज्ञ करता है। तो हनुमानजी यज्ञ का विध्वंस कर देते हैं। यज्ञ विध्वंस के बाद लक्ष्मणजी मेघनाद के बीच भीषण युद्ध होगा।लक्ष्मणजी मेघनाद का वध कर उसकी भुजा को लंका भेजते हैं। सुलोचना अपने पति का मस्तक लेने श्री राम के शिविर में जाती है तथा पति के साथ सती हो जाती है।




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