जावेद आरिफ रायबरेली ब्यूरो चीफ
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र
महराजगंज रायबरेली । सरकार की मंशा प्रदेश मे व्याप्त अराजकता व गुंडाराज़ को ख़त्म कर प्रदेश को तरक्की के रास्ते पर ले जाने की रही जिसको लेकर योगी सरकार ने पिछले दस महीनों मे शासन स्तर पर प्रत्येक विभागों के पेंच कसने व विभागों के उच्चाधिकारियों की कार्य शैली की समीक्षा कर आपस मे सामंजस्य बिठाने को लेकर कड़े क़दम उठाए है। किंतु राजस्व विभाग की लापरवाही व वन विभाग की उदासीनता भू-माफियाओं को लाभ पहुँचाने का काम कर रही जिसकी शिकायत ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री से की किंतु कमीशनखोर राजस्व विभाग की गलती एवं लकड़ी ठेकेदारों की पाँव पूजी कर जेब गरम करने वाले वन विभाग के चलते पौधशाला की आधी ज़मीन पर काबिज भू माफिया बचे खुचे भू-भाग पर काबिज होने की नियत के तहत ईंटे गिराए हुए है वही जमीर बेच मुर्दा हो चुका वन विभाग कुम्भकरणी नींद से जगने का नाम ही नही ले रहा। मालूम हो की सामाजिक वानिकी विभाग द्वारा क्षेत्र के बावन बुजुर्ग बल्ला ग्राम सभा की महराजगंज रायबरेली रोड स्थित ज़मीन पर पौधशाला का निर्माण पर्यावरण मे आक्सीजन की मात्रा को बढ़ाने एवं वायु प्रदूषण को कम करने के लिए स्थापित किया गया जहाँ पौधशाला मे प्रति वर्ष वन कर्मी पौधों की नर्सरी तैयार कर पर्यावरणीय संतुलन को बनाए रखने को जी तोड़ मेहनत करते है । इस पौधशाला की उचित देख रेख करने को वन संरक्षक एवं क्षेत्रीय निदेशक केदार नाथ ने सन 1989 मे तमाल कुटीर के नाम से रेस्ट हाउस एवं वन कर्मियों के लिए आवास का निर्माण कराया था वही मौके पर भू माफियाओं की गिरी ईंट पर विभाग द्वारा आँवले ,नीम ,शहतूत, धृतकुमारी , तुलसी , हाथीगज , सर्पगंधा ,जावित्री आदि औषधीय पौधों की नर्सरी तैयार की जाती थी वही नौनिहालों के लिए झूलो आदि की व्यवस्था भी की गयी थी जिससे लोगो की आवाजाही पौधशाला की खुली हवा मे ताजगी भरने का काम करती थी। किंतु राजस्व विभाग की नीति व वन विभाग के उच्चाधिकारियों की लचर कार्यशैली एवं उदासीनता से पौधशाला की आधी बेशकीमती ज़मीन पर भू माफियाओं का कब्जा बरकरार है वही बची खुची ज़मीनो पर भू माफियाओ की गिद्ध सी पैनी नज़र बनी हुई है जिस पर अंकुश लगाने मे विभाग नाकाफी दिखाई पड़ता है । कागजों के हेर फेर व राजस्व विभाग की भूल का फायदा भू माफिया पौधशाला की जमीनो पर ढाल की तरह इस्तेमाल कर रहे है वही विभागीय सामांजस्य खो चुका वन विभाग हाथ पर हाथ धरे भू माफियाओं की अगली चाल के इंतजार की टकटकी लगाए खुद मे सिमटने को मजबूर है। बताते चले की बावन बुजुर्ग बल्ला स्थित पौधशाला की भूमि संख्या 4240 की गाटा संख्या से 0.750 हेक्टेयर ज़मीन सुखलाल पुत्र मंशादीन, 0.759 हेक्टेयर ज़मीन राधेश्याम पुत्र हीरालाल तथा भूमि संख्या 4245 की गाटा संख्या से 0.759 हेक्टेयर ज़मीन शिवरतन पुत्र लोधई , 0.231 हेक्टेयर ज़मीन भगवान दीन पुत्र बिंदा , 0.310 हेक्टेयर ज़मीन दशरथ आदि पुत्र नँदन व 0.506 हेक्टेयर ज़मीन रामस्नेही पुत्र रामलौटन का पट्टा राजस्व विभाग द्वारा 1976 मे किया गया किंतु पौधशाला की ज़मीन होने के चलते इन पट्टाधारकों को 30/04/1987 को 161 की कार्यवाही के तहत बदले की ज़मीन दूसरी जगह आवंटित कर दी गयी किंतु इन्ही पट्टाधारको का नाम वन विभाग के गाटा संख्या से खारिज नही किया गया औऱ न ही वन विभाग के नाम ज़मीन की अमलदरामत की गयी जिससे एक ही पट्टाधारकों के नाम दो दो जगह ज़मीन कागजों मे चढ़ गयी। जिसका फायदा उठाते हुए इन पट्टाधारकों से पौधशाला की ज़मीन की सौदेबाजी कर भूमाफियाओं ने औने पौने दामों मे खरीद काबिज होना शुरू किया। इस दौरान वन विभाग अपने काठ का उल्लू बने बैठे उच्चाधिकारियों की आवभगत मे ही मशगूल रहा। जिसके चलते अब पौधशाला के अस्तित्व पर हमला बोलते हुए भू माफियाओं ने वन विभाग की अस्मिता को चुनौती दे दर्जनों ट्राली ईंट गिरा बाउंड्रीवाल के निर्माण की तैयारी मे देखे जा रहे उधर प्रदेश मे योगी सरकार एवं जिले मे ईमानदार जिलाधिकारी होने के साथ साथ एंटी भू माफिया का गठन होने के बावजूद राजस्व एवं वन विभाग भू माफियाओं की धमक के आगे घुटने टेके है।
साहब कहिन-जिला वन अधिकारी तुलसीदास ने बताया की भूमाफियाओं की पौधशाला की जमीनो पर कब्जेदारी का प्रकरण उनकी जानकारी मे है कागजों को ढूँढ़ कर मामला जिलाधिकारी को अवगत कराया जाएगा।
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महराजगंज रायबरेली । सरकार की मंशा प्रदेश मे व्याप्त अराजकता व गुंडाराज़ को ख़त्म कर प्रदेश को तरक्की के रास्ते पर ले जाने की रही जिसको लेकर योगी सरकार ने पिछले दस महीनों मे शासन स्तर पर प्रत्येक विभागों के पेंच कसने व विभागों के उच्चाधिकारियों की कार्य शैली की समीक्षा कर आपस मे सामंजस्य बिठाने को लेकर कड़े क़दम उठाए है। किंतु राजस्व विभाग की लापरवाही व वन विभाग की उदासीनता भू-माफियाओं को लाभ पहुँचाने का काम कर रही जिसकी शिकायत ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री से की किंतु कमीशनखोर राजस्व विभाग की गलती एवं लकड़ी ठेकेदारों की पाँव पूजी कर जेब गरम करने वाले वन विभाग के चलते पौधशाला की आधी ज़मीन पर काबिज भू माफिया बचे खुचे भू-भाग पर काबिज होने की नियत के तहत ईंटे गिराए हुए है वही जमीर बेच मुर्दा हो चुका वन विभाग कुम्भकरणी नींद से जगने का नाम ही नही ले रहा। मालूम हो की सामाजिक वानिकी विभाग द्वारा क्षेत्र के बावन बुजुर्ग बल्ला ग्राम सभा की महराजगंज रायबरेली रोड स्थित ज़मीन पर पौधशाला का निर्माण पर्यावरण मे आक्सीजन की मात्रा को बढ़ाने एवं वायु प्रदूषण को कम करने के लिए स्थापित किया गया जहाँ पौधशाला मे प्रति वर्ष वन कर्मी पौधों की नर्सरी तैयार कर पर्यावरणीय संतुलन को बनाए रखने को जी तोड़ मेहनत करते है । इस पौधशाला की उचित देख रेख करने को वन संरक्षक एवं क्षेत्रीय निदेशक केदार नाथ ने सन 1989 मे तमाल कुटीर के नाम से रेस्ट हाउस एवं वन कर्मियों के लिए आवास का निर्माण कराया था वही मौके पर भू माफियाओं की गिरी ईंट पर विभाग द्वारा आँवले ,नीम ,शहतूत, धृतकुमारी , तुलसी , हाथीगज , सर्पगंधा ,जावित्री आदि औषधीय पौधों की नर्सरी तैयार की जाती थी वही नौनिहालों के लिए झूलो आदि की व्यवस्था भी की गयी थी जिससे लोगो की आवाजाही पौधशाला की खुली हवा मे ताजगी भरने का काम करती थी। किंतु राजस्व विभाग की नीति व वन विभाग के उच्चाधिकारियों की लचर कार्यशैली एवं उदासीनता से पौधशाला की आधी बेशकीमती ज़मीन पर भू माफियाओं का कब्जा बरकरार है वही बची खुची ज़मीनो पर भू माफियाओ की गिद्ध सी पैनी नज़र बनी हुई है जिस पर अंकुश लगाने मे विभाग नाकाफी दिखाई पड़ता है । कागजों के हेर फेर व राजस्व विभाग की भूल का फायदा भू माफिया पौधशाला की जमीनो पर ढाल की तरह इस्तेमाल कर रहे है वही विभागीय सामांजस्य खो चुका वन विभाग हाथ पर हाथ धरे भू माफियाओं की अगली चाल के इंतजार की टकटकी लगाए खुद मे सिमटने को मजबूर है। बताते चले की बावन बुजुर्ग बल्ला स्थित पौधशाला की भूमि संख्या 4240 की गाटा संख्या से 0.750 हेक्टेयर ज़मीन सुखलाल पुत्र मंशादीन, 0.759 हेक्टेयर ज़मीन राधेश्याम पुत्र हीरालाल तथा भूमि संख्या 4245 की गाटा संख्या से 0.759 हेक्टेयर ज़मीन शिवरतन पुत्र लोधई , 0.231 हेक्टेयर ज़मीन भगवान दीन पुत्र बिंदा , 0.310 हेक्टेयर ज़मीन दशरथ आदि पुत्र नँदन व 0.506 हेक्टेयर ज़मीन रामस्नेही पुत्र रामलौटन का पट्टा राजस्व विभाग द्वारा 1976 मे किया गया किंतु पौधशाला की ज़मीन होने के चलते इन पट्टाधारकों को 30/04/1987 को 161 की कार्यवाही के तहत बदले की ज़मीन दूसरी जगह आवंटित कर दी गयी किंतु इन्ही पट्टाधारको का नाम वन विभाग के गाटा संख्या से खारिज नही किया गया औऱ न ही वन विभाग के नाम ज़मीन की अमलदरामत की गयी जिससे एक ही पट्टाधारकों के नाम दो दो जगह ज़मीन कागजों मे चढ़ गयी। जिसका फायदा उठाते हुए इन पट्टाधारकों से पौधशाला की ज़मीन की सौदेबाजी कर भूमाफियाओं ने औने पौने दामों मे खरीद काबिज होना शुरू किया। इस दौरान वन विभाग अपने काठ का उल्लू बने बैठे उच्चाधिकारियों की आवभगत मे ही मशगूल रहा। जिसके चलते अब पौधशाला के अस्तित्व पर हमला बोलते हुए भू माफियाओं ने वन विभाग की अस्मिता को चुनौती दे दर्जनों ट्राली ईंट गिरा बाउंड्रीवाल के निर्माण की तैयारी मे देखे जा रहे उधर प्रदेश मे योगी सरकार एवं जिले मे ईमानदार जिलाधिकारी होने के साथ साथ एंटी भू माफिया का गठन होने के बावजूद राजस्व एवं वन विभाग भू माफियाओं की धमक के आगे घुटने टेके है।
साहब कहिन-जिला वन अधिकारी तुलसीदास ने बताया की भूमाफियाओं की पौधशाला की जमीनो पर कब्जेदारी का प्रकरण उनकी जानकारी मे है कागजों को ढूँढ़ कर मामला जिलाधिकारी को अवगत कराया जाएगा।
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