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Friday, February 23, 2024

राशन कार्ड बनाने में हो रही धांधली पीड़ित परिवार भुखमरी के कगार पर 3 महीने से लगा रहा है तहसील के चक्कर

और यही नही सदर तहसील में लिखे टूटे फूटे अक्षरों की दशा दैनिय

रायबरेली। प्रदेश सरकार ने गरीब से गरीब व्यक्तियों के लिए तमाम प्रकार की योजना चलाती है ताकि उन योजनाओं का संपूर्ण लाभ निचले तबके लोगों को मिल सके लेकिन जब उन योजनाओं का लगातार बंदर बाट होता रहेगा तो वह योजना गरीब असहाय लोगों को कैसे मिलेगी। एक ऐसा ही मामला रायबरेली के मोहम्मदपुर कुचरिया ब्लॉक राही तहसील सदर जनपद रायबरेली का निकल के सामने आया है।जहां की रहने वाली सुंदरा देवी के पास ना तो आवास है और न ही जमीन। एक मात्र सहारा राशन कार्ड का था उसे भी भ्रष्ट अधिकारियों के द्वारा बंद कर दिया गया। जहां आज लाचार बेबस मां का बेटा बबलू लगातार 4 महीने से अपने राशन कार्ड के लिए चक्कर लगा रहा है लेकिन अभी तक उस राशन कार्ड में कमियां न होने के कारण भी उसे होल्ड पर रखा गया है बल्कि उस गरीब विधवा महिला सुंदरा देवी का अंत्योदय कार्ड भी बना हुआ है जिससे महिला अपना और अपने बच्चों का पालन पोषण करती है। उस परिवार का एक मात्र सहारा राशन कार्ड था उसे भी अब अधिकारियों के द्वारा बंद कर दिया गया। जिससे राशन न मिल पाने के कारण उस परिवार में गंभीर समस्या आ खड़ी है। वही सबसे बड़ी बात पीड़ित विधवा महिला के पास ना तो भूमि है और ना ही आवास। जो पीड़ित परिवार सर्दी हो या गर्मी हो या बरसात एक टूटी-फूटी कुटिया में रहकर अपने परिवार का भरण पोषण करती हैं। ग्राम प्रधान जो कि गांव का मुखिया होता है लेकिन आज तक उसने ना ही उस  परिवार को आवास मुहैया कराया ना ही किसी योजना से लाभान्वित कराया। वहीं अगर दूसरी  तरफ सदर तहसील की बात कर ली जाए जो कि वीआईपी जिलों में मशहूर तहसील अव्वल मानी जाती है लेकिन जब उस साइन बोर्ड में सदर तहसील के अक्षर विगत कई महीनो से टूटा फूटा लिखा हो और अधिकारी की नजर उस पर ना पड़े यह भी सोचने वाली बहुत बड़ी बात होती है। हालाकि सदर तहसील की सूरत तो बदल दी गई लेकिन उसके सिलापट में लिखे टूटे फूटे अक्षरों के नाम की सूरत अभी भी बदलने से वह वंचित है या मानो अधिकारी कुंभकर्णी नींद सोते हैं उनकी आंखों से नहीं दिखता है,कि सदर तहसील में तहसील और रायबरेली के दोनों अक्षर पूरी तरीके से अपर्याप्त रूप में निर्गत है  लगातार तहसील दिवस का आयोजन किया जाता है डीएम से लेकर एसडीएम एवं  एडीएम सभी लोग वहां से निकलते हैं लेकिन अभी तक किसी की नजर उस टूटे फूटे अक्षरों पर नहीं पड़ी। फिलहाल अब देखना है कि उस गरीब विधवा महिला को आवास के साथ-साथ जो उसका राशन कार्ड बंद कर दिया गया है क्या उस महिला को मिल पाएगा या नहीं।फिलहाल कैमरे पर कुछ ना बोलकर पूर्ति निरीक्षक अधिकारी उन्होंने जरूर कहा है कि तत्काल इनका राशन कार्ड में नाम चढ़ा दिया जाएगा।अब देखना है की खबर प्रकाशित होने के बाद रायबरेली का जिला प्रशासन क्या एक्शन लेता है और जिस तरह से भ्रष्ट अधिकारियों के द्वारा गरीबों के घरों में डाका डाला जा रहा है उन पर क्या कार्रवाई होती है।

रिपोर्ट : जावेद आरिफ
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र

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