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Monday, March 23, 2020

करोना के खत्मे के लिए हर मन्दिर मे बजे घण्टे घड़ियाल और शंख तो घर मे थाली और करताल


कानपूर । आध्यात्मिक देश भारत मे सदियों से चलन रहा है घर्षण नाद का प्रहार करना और यह प्रहार पहले युद्ध को प्रारम्भ किये जाने के लिए युद्ध प्रमुख किया करते थे अलावा मन्दिरों और देवालयों मे देव जाग्रति निम्नतम इन ध्वनी यंत्रो का स्तेमाल किया जाता रहा है अपने यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी अपने युवा काल मे हिमालय ,उत्तराखंड मे साधू सन्तो के सानिध्य मे रह चुके है लिहाजा समझा जाता है कि उन्ही मनीषियों के बताए गए प्रयोग का स्तेमाल को उन्होने देश वासियो को प्रेरित करने के उद्येस से किया आयुर्वेद मे विभ्भिन जटिल रोगों मे घण्टे घड़ियाल यहाँ तक वाद्य यंत्रों के स्तेमाल का प्रयोग किया जाता रहा है किन्तु अब चिकित्सा पद्धति मे अमूल चूल बदलाव के चलते उन पुरातन विद्याओं का ह्रास हो चला है विश्वास के साथ कहा जा सकता है अपने यशस्वी प्रधानमंत्री की जलाई गयी अलख का अनुसरण गर भारतीय करता है तो निश्चित तौर पर करोना जैसे वायरस का खातामा किया जा सकता है फिलहाल हमारे जबलपुर कथा लेखक विश्वास राहतेकर ने बताया जबलपुर जहाँ  नर्मदा का जल प्रवाह जिसमे धुआंधार जैसे जलप्रपात के वेग और कलरव से वातावरण शुद्ध होता है वहाँ के प्रसिद्ध को पार मन्दिर ,गुप्तेश्वर, शुप्तेश्वर, गायत्री शक्ति,बालाजी,त्रिपुर शुन्दरी एवं विख्यात नर्मदेश्वर मन्दिर के प्रांगण मे ठीक शायं 5 बजे घण्टे घड़ियाल और शंखनाद की गुज प्रारम्भ हो गयी इधर हमारे कानपूर ब्यूरो शनि राव मोघे ने बताया आदि तीर्थ बिठूर जिसको पुराणों मे कई नामों से जाना जाता है ब्रहिष्मती नगरी,उत्पलारण्य,ब्रह्म आवर्त,विष्णु ठौर जो बाद मे वीरठौर से बिठूर कहा जाने लगा के पुरातन पेशवा द्वारा बनवाया गया दत्तात्रेय मन्दिर,ब्रह्मेश्वर,पुरातन गणेश मन्दिर समेत रामधाम, हरीधाम,सदगुरूधाम साधन धाम,विष्णु धाम,नारायणधाम इसी प्रकार कानपुर संवाददाता विकाश कुमार ने बताया कि शहर के हर घर मे मोदी जी द्वारा बताई गयी युक्ति ताली और थाली का जोर दार प्रयोग किया गया।

मधुकर राव मोघे मण्डल ब्यूरो कानपुर
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र

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