जावेद आरिफ रायबरेली ब्यूरो चीफ
अक्रॉस टाइम्स हिन्दी समाचार पत्र
लालगंज रायबरेली । शासन के निर्देश पर विकास खण्ड कार्यालय ने आलमपुर कोटे के दुकान की चयन प्रकिया शुरू की वैसे ही कोटेदार ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट से स्थगन आदेश ले आये जबकि पूर्ति विभाग के अधिकारी इसको नजरअंदाज करते हुए कोटा बहाली का ही आदेश जारी कर दिया। वही लालगंज ब्लाक के आलमपुर ग्राम पंचायत के कोटेदार की बहाली प्रदेश सरकार के भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम पर तमाचा लगा दिया है। पूर्ति विभाग ने अधिकारियों को गुमराह कर भ्रष्टाचार के आरोपी आलमपुर ग्राम पंचायत के कोटेदार को फिर बहाल करा दिया। इस कोटेदार के खिलाफ लालगंज कोतवाली में धारा 3ध्7 आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा के तहत रिपोर्ट दर्ज हैं और जांच में न केवल गंभीर आरोप हैं बल्कि जब इसकी दूकान निलम्बित की गयी थी तब से अब तक इसके पास उपलब्ध सरकारी खाद्यान्य भी आज तक वापस नहीं किया गया है। उल्लेखनीय है कि पिछली चार अगस्त 2017 को ग्राम प्रधान ने इस कोटेदार पर गरीबों के निवाले को हड़पने के गंभीर आरोप लगाते हुए जांच की मांग की थी। जांच टीम ने अपनी जांच आख्या में भौतिक सत्यापन के बाद वितरण रजिस्टर में अन्तर पाये जाने की पुष्टि करते हुए लिखा कि 23ण्96 कुन्तल गेहूॅए 19ण्99 कुन्तल चावल कम पाये जाने व वितरण रजिस्टर में दिनांक पर ओवरराइटिंग तथा वितरण रजिस्टर में दर्ज यूनिट एवं उसके सापेक्ष गेहूंए चावलए की वितरित मात्रा शासनादेशानुसार निर्धारित वितरण स्केल के अनुरूप नहीं किये जाने की पुष्टि की। इतना ही नहीं जांच में अन्त्योदय योजना के कार्डों के वितरण में भारी गड़बड़ी जांच रिपोर्ट में उजागर हुई। जांच में गंभीर आरोपों के आधार पर आलमपुर के तत्कालीन कोटेदार का दूकान अनुबंध पत्र निलम्बित कर लालगंज कोतवाली में डीएम के आदेश पर धारा 3ध्7 आवश्यक वस्तु अधिनियम की धाराओं में तत्कालीन उपजिलाधिकारी प्रदीप वर्मा ने रिपोर्ट दर्ज करायी थी। अभी इस मामले में कार्रवाई जारी ही थी कि पूर्ति विभाग ने भ्रष्टाचार के आरोपी इस कोटेदार को अधिकारियों को गुमराह कर पुनः आलमपुर का कोटेदार बना कर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भ्रष्टाचारियों के खिलाफ चलाये जा रहे अभियान के मुंह पर तमाचा लगा दिया है। लोग इस बात को लेकर हैरत में हैं कि एक ओर प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री भ्रष्टाचारियों के खिलाफ मुहिम चला कर उन्हे बेनकाब कर रहे हैं वहीं यहां भ्रष्टाचारियों को पनाह देकर अधिकारी सरकारी मंशा पर पानी फेर रहे हैं। नागरिकों ने इस आदेश की जानकारी प्रदेश के मुख्यमंत्री को ट्यूट कर के दी है। उल्लेखनीय है कि उपजिलाधिकारी ने बीती 08 दिसम्बर 2017 को खंड विकास अधिकारी को पत्र भेज कर नयी दूकान के चयन के लिए निर्देशित किया था। उपजिलाधिकारी के पत्र के आधार पर भ्रष्टाचार का आरोपी कोटेदार माननीय न्यायालय से अर्जी कर नयी दुकान का चयन न होने का आदेश लाया था। न्यायालय ने अगली सुनवायी तक नयी दूकान का चयन न करने का आदेश किया था लेकिन पूर्ति विभाग के अधिकारियों ने सभी आदेशों को दरकिनार कर अधिकारियों को गुमराह कर पुनः उसी की की दूकान की बहाली करा दी। अधिकारियों के इस आदेश के बाद लोगों को इस बात का आश्चर्य है कि जांच टीम के संगीन आरोप लगाने के बाद अधिकारियों ने फिर उसे दूकान चलाने का आज आदेश थमा दिया।
No comments:
Post a Comment