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Sunday, July 9, 2017

किसान ऋण माफी योजना का लाभ लेना चाहते है तो अपना आधार कार्ड अपने फसली ऋण खाता से लिंक करायें

किसान ऋण माफी योजना का लाभ लेना चाहते है तो अपना आधार कार्ड अपने फसली ऋण खाता से लिंक करायें

अक्राॅस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र
शाहजहाँपुर। वर्तमान सरकार की ऋण माफी योजना का लाभ लेने वाले समस्त किसान  तीन दिन के अन्दर अपना-अपना आधार कार्ड बनवाये और यदि आधार कार्ड बना है तो अपने बैंक शाखा में जाकर अपने फसली ऋण खाता से लिंक करायें साथ ही अपना मोबाइल नम्बर भी उसमें दर्ज करायें। बिना आधार के फसली ऋण माफ नही होगा। आधार कार्ड बनाने के लिये समस्त विकास खण्डों, तहसीलो में कैम्प लगाये गये है। वहां जाकर अपना आधार कार्ड बनवा लें । जिलाधिकारी नरेन्द्र कुमार सिंह ने उ0प्र0 सरकार की लघु एवं सीमान्त किसानो के उन्नयन व सतत् विकास हेतु फसल ऋण मोचन योजना के क्रियान्वयन सम्बन्धी कैम्प कार्यालय में ली गई बैठक में दिये। उक्त बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि फसल ऋण मोचन योजना के अन्र्तगत वे लघु एवं सीमान्त कृषक पात्र है जो उत्तर प्रदेश में एक से दो हेक्टेयर तक की कृषि भूमि के स्वामी हो और उनका नाम खतौनी में दर्ज हो। जिसमें उत्तर प्रदेश के अन्दर उसकी सभी कृषि भूमि हो। फसल की पैदावार के लिये नगद व उधार के रूप में ऋण प्रदाता संस्थान द्वारा दिया जाने वाला ऋण फसली ऋण होगा। उसकी ़़ऋण उत्तर प्रदेश में स्थित अनुसूचित वाणिज्यक बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक व सहकारी बैंक ऋण प्रदाता संस्थायें होगी। अर्बन कोआपरेटिव बैंक से लिया गया ऋण, इस योजना की श्रेणी में सम्मिलित नही है। किसान को ऋण माफी हेतु उत्तर प्रदेश में भूमि अभिलेखो के अनुरक्षण के लिये एन0आई0सी0 द्वारा विकसित वेब एप्लीकेशन भूलेख मान्य है। इस शासनादेश में उल्लिखित है कि ऐसे लघु एवं सीमान्त किसानो को जिनके द्वारा फसल ऋण दिनांक 31 मार्च 2016 या इसके पूर्व ऋण प्रदाता सस्थाओं से प्राप्त किया गया हो, राज्य सरकार एक लाख रूपये तक की धनराशि का ऋण मोचन प्रदान करेगी। ऋण मोचन धनराशि की गणना के प्रयोजन हेतु दिनांक 31 मार्च 2016 को बकाया (ब्याज सहित) से वित्तीय वर्ष 2016-17 की अवधि में किसान द्वारा आहरित धनराशि या नई स्वीकृतियों पर विचार किये बिना वित्तीय वर्ष 2016-17 की अवधि (दिनांक 31.03.2016 के पश्चात और दिनांक 31.03.2017 तक) में किसान से प्राप्त प्रति भुगतान को घटा दिया जायेगा। जिलाधिकारी ने बताया कि योजना के माप दण्ड के रूप में उत्तर प्रदेश में रहने वाले लघु एवं सीमान्त कृषक तथा जिनकी भूमि उत्तर प्रदेश में स्थित हो एवं उनके द्वारा उत्तर प्रदेश में स्थित बैंक शाखा से फसली ऋण लिया गया हो। ऐसे किसान जिनके फसली ऋण की रिजर्व बैंक के दिशा निर्देश के अनुसार प्राकृतिक आपदाओं के होने के कारण पुर्न संरचना कर दी गई हो, इस योजना के अन्र्तगत आच्छादित होगें। सरकार द्वारा राजस्व अभिलेखो के आधार पर पट्टे पर दी गई भूमि पर खेती करने के लिये किसान द्वारा लिया गया फसली ऋण भी योजना के मापदण्ड में सम्मिलित है। जिलाधिकारी ने बताया कि रिजर्व बैंक के मानको के अनुरूप गैर निष्पादन आस्थियों (छच्।) के रूप में फसल ़ऋण उक्त ऋ़ण मोचन योजना का हिस्सा होगें। राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र (एन0आई0सी0) के सफलता पूर्वक संचालन के लिये आवश्यक सुविधायें और सूचना प्रौधोगिकी सम्बन्धी अवस्थापना उपलब्ध करायेगा। राष्ट्रीय सूचना विज्ञान योजना के क्रियान्वयन के प्रयोजन से विधिध हितधारको को पहुंच प्रदान करने के लिये एक बेव पोर्टल अभिकल्पित एवं विकसित करेगा। राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र शिकायत निवारण प्रणाली को अभिकल्पित विकसित और अनुरक्षित करेगा जो किसानों की शिकायतों को निवारण करने का प्रयास करेगा। एन0आई0सी0 द्वारा विकसित बेव  पोर्टल ऋण प्रदाता संस्थाओं द्वारा स्वंय उपलब्ध कराये गये सम्परीक्षित डाटा की सटीकता, सत्यता और सम्पूर्णता सुनिश्चित करेगी। जिसमें भूलेख और आधार कार्ड से सम्बन्धित बेव पोर्टल पर अपलोड किया गया है। डाटा का स्वामित्व ऋण प्रदाता संस्थाओं के पास होगा और डाटा में किसी भी विसंगति के लिये वह उत्तरदायी होगें। ़ऋण प्रदाता संस्थायें जिला स्तरीय समिति को जमाओ का विवरण पत्र समय से उपलब्ध करायेगी। अर्ह किसानो एवं उनके चिन्ंिहत  खातो में जमा धनराशि सत्यता के सम्बन्ध में जिला स्तरीय समिति को वैधानिक लेखा परीक्षक द्वारा सम्परीक्षित प्रमाण पत्र उपलब्ध करायेगी।जिलाधिकारी ने बताया कि कृषि विभाग इस योजना का नोडल विभाग है धनराशि के वितरण, उपभोग, किसानो को जागरूक करने, शिकायतों के अनुश्रवण आदि समस्त कार्यो के लिये उत्तरदायी होगा। बैठक में जिलाधिकारी ने निर्देश दिये कि सभी किसानो के आधार कार्ड बनवाने और उसे उनके फसली ऋण खाता से लिंक कराने के लिये आज से ही अभियान चला दिया जाये। उन्होंने जिला कृषि अधिकारी को निर्देश दिये कि वह समस्त तहसीलो, विकास खण्डों, थानों व कार्यालयों में फलेक्सी बोर्ड लगाये तथा गावों में डुग्गी पिटवाकर, हाट बाजारों व प्रमुख कस्बो, नगर पंचायतों आदि में माईक से किसानो को आधार कार्ड बनवाने तथा बैंक में अपने फसली ऋण खाते से  लिंक कराने का प्रचार-प्रसार करायें। उन्होंने जिला गन्ना अधिकारी, जिला उद्यान अधिकारी, जिला कृषि अधिकारी, सहायक निबन्धक सहकारी समितियां को निर्देश दिये कि वह कलेक्ट्रेट स्थित कन्ट्रोल रूम के माध्यम से तथा अपने माध्यम से किसानो को मोबाइल पर फोन करके आधार कार्ड बनवाने एवं खाता से लिंक कराने की पूरी जानकारी दें। दी गई जानकारी को रजिस्टर पर अंकित करें और हमे प्रतिदिन शाम को बताये कि कितने किसानो को अवगत कराया गया। इस अवसर पर जिले स्तर पर गठित जिला स्तरीय समिति के सदस्य अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) सर्वेश कुमार, परियोजना निदेशक डी0आर0डी0ए0 अजय प्रकाश, उपनिदेशक कृषि प्रभाकर सिंह, जिला कृषि अधिकारी ए0के0त्रिपाठी, लीड बैंक अधिकारी, सहायक निबन्धक सहकारी समितियां, महाप्रबन्धक सहकारी बैंकों के समन्वयक, जिला गन्ना अधिकारी, जिला उद्यान अधिकारी, सहायक निदेशक सूचना, जिला सूचना विज्ञान अधिकारी, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी आदि उपस्थित रहें।

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