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Friday, July 21, 2017

जी एस टी के माध्यम से बाजार में चल रहे ,असंतुलन को खत्म करने की जुगत में लगी हो मगर बिचौलियों पर इसका कुछ ख़ास असर देखने को नहीं मिल रहा

जी एस टी के माध्यम से बाजार में चल रहे ,असंतुलन को खत्म करने की जुगत में लगी
हो मगर बिचौलियों पर इसका कुछ ख़ास असर देखने को नहीं मिल रहा

लखीमपुर /मोहम्मदी खीरी । भाजपा सरकार भले ही जी एस टी के माध्यम से बाजार में चल रहे ,असंतुलन को खत्म करने की जुगत में लगी
हो मगर बिचौलियों पर इसका कुछ ख़ास असर देखने को नहीं मिल रहा है,बाजार में खुलेआम केसर, कमला पसंद और अन्य ब्रांडेड पान मसाला पर भारी काला बाजारी चल रही है ग्राहकों को दो रुपये प्रिंट वाला पान मसाला लगभग दोगुने रेट (4 रूपये) में बेचा जा रहा है । जब भी रेट बढ़ाना होता है बिचौलियों द्वारा
माल डंप कर दिया जाता है जिसमें एजेंसी मालिकों का भी हाथ होता है माल डंप करने की वजह से नतीजा यह होता है कि आपूर्ति कम होने पर लोग किसी भी रेट में लेने को तैयार हो जाते हैं जिसका नाजायज फायदा यह घाघ
ब्यापारी उठाते हैं और ग्राहकों की जेब
में खुलेआम डाका डालते हैं। जाने क्या हैं इनके रेट और कैसे करते हैं । शहर क्षेत्र के पान मसाला के कई थोक व्यापारी पान मसाला के प्रिंट रेट से बहुत महंगे बहुत महंगे दामो पर अपना माल बेच रहे हैं ।जिनमे केसर का कम्पनी का रेट0 145 रूपये पैकेट जबकि बिचौलियों का रेट 175 रूपये पैकेट, कमला पसन्द कम्पनी रेट 155 रूपये पैकेट जबकि बिचौलियों का रेट 165 रूपये पैकेट, सादा कमला पसन्द कंपनी रेट 145रूपये पैकेट बड़ा कमला पसन्द 168 रुपए पैकेट जबकि बिचौलियों का रेट सादा कमला160 रूपये पैकेट बड़ा कमला 180 रूपये पैकेट,वाह कम्पनी रेट 128 रूपये पैकेट जबकि बिचौलियों का रेट 135 रूपये पैकेट,
दिलबाग कम्पनी रेट 140 रूपये पैकेट जबकि
बिचौलियों का रेट 145 रूपये पैकेट इन रेट
पर दुकानदारों को ये थोक बिचौलिये माल उपलब्ध कराते हैं। जिनकी वजह से फुटकर दुकानदार को महंगा बेचना ही पड़ता है । जिनमें अंततः बोझ तो ग्राहक को ही झेलना पड़ता है जिनकी वजह से ग्राहक को फुटकर 2 रूपये की प्रिंट केसर 4 रूपये की, 2 रूपये का प्रिंट कमला 4 रूपये का,दिलबाग 3 रूपये का,रायल 3 रूपये का ,वाह 6 रूपये का,बड़ा कमला व राजश्री 6 रूपये की खरीदनी पड़ रही है। सरकार के जागो ग्राहक जागो के विज्ञापन का
कोई मायने नही रह गया है । बाज़ार में हो
रही इस खुलेआम लूट को देख के ये एहसास
ही नहीं हो रहा कि योगी सरकार ने बाज़ार के असंतुलन को समाप्त करने के लिये कोई प्रयास भी किया है बल्कि उससे बड़ा आश्चर्य तो यह है कि साक्षरता के इस दौर में लगभग सभी को ये
बिचौलिये बेवकूफ बना रहे हैं और बड़ी आसानी से लोग बन रहे हैं कभी भी ये जानने का प्रयास नही किया कि 2 रूपये प्रिंट का गुटखा 4 का क्यों बिक रहा है और अगर बिक रहा है इस लूट खसोट और ग्राहक की चलो छोड़ो कौन इस चक्कर में पड़े, इसी शैली की वजह से आज बाजार में अस्थिरता है और ये बिचौलिए उसी का मनमाना अवैध लाभ उठा रहे है ।

दिनेश सिंह सोमवंशी ब्यूरो चीफ लखीमपुर
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र
मो ० - 9450288955.

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