बिठूर से मधुकर राव मोघ की रिपोर्ट
आक्रास टाइम्स हिन्दी दैनिक समाचारपत्र
बिठूर।। अमूमन जो बच्चे पुलिस और पुलिस की खाकी वर्दी से डरते थे वे उन्हीं पुलिस वालों के साथ इस तरह हिल मिल कर खेलते रहे कि देखने वाले आवाक रह गए।जी हाँ कल ही बिठूर के तीन विद्यालयों को गोद लिए जाने की खबर प्रकाशित हुई थी इस थाना प्रभारी बिठूर तुलसीराम पाण्डेय अलावा आरोह व्रद्धाआश्रम के बुजुर्गों के एक्सपेरीमेंट का असर ही कहा जाएगा जिन बच्चों को अजाने लोगों की कोई पहचान नहीं है वे ही बच्चे बेधड़क जहाँ पुलिस वालों के साथ खेलते रहे।वहीं व्रद्धाआश्रम के बुजुर्गों से उनके द्वारा दी जानें वाली ग्यान की बाते तल्लीनता से सुनते और समझते भी रहे। हम कहते है कि नन्हे मुन्ने बच्चे कल देश का भविष्य है इनकी परवरिश मे कोई कमी नहीं होनी चाहिए पर कैसे।केवल स्कूल मे भेजी पाठ्य पुस्तकों को अध्ययन कराने से आती समझे नहीं उनके दिलों में जीवन के प्रति समाज और देश के प्रति निष्ठा का भाव पैदा करना नैतिक उसुलो के प्रति जागरूकता पैदा करना भी सायद इसी समाज़ की जिम्मेदारी है।यही कुछ श्री पाण्डेय अलावा आरोह व्रद्धाआश्रम के बुजुर्गों ने कर दिखाया है इनमे सेवा निश्तर चिकित्साधिकारी गोपाल स्वामीजी ,विजयपाल जैन,एस के गुलाटी,कपिल रस्तोगी,आशा रस्तोगी,आशा शुक्ला आदि ने बच्चों को जम के शिक्षा दी हालाकि पाण्डेय जी के हिसाब से योजना का पहला दिन सफलता लिए रहा वही
अभिभावक एवं स्कूल टीचर भी रहे मौजूद
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