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Saturday, September 16, 2017

3 नाबालिग बच्चों, 1 बुजुर्ग दंपति तथा एक हाथ से विकलांग व्यक्ति के नाम बलवा जैसी संगीन धाराओं में बिना किसी घटना के बाद मुकदमा दर्ज , पुलिस ने 10 दिन बाद दोषियों को दी जानकारी

3 नाबालिग बच्चों, 1 बुजुर्ग दंपति तथा एक हाथ से विकलांग व्यक्ति के नाम बलवा जैसी संगीन धाराओं में बिना किसी घटना के बाद मुकदमा दर्ज , पुलिस ने 10 दिन बाद दोषियों को दी जानकारी
आगरा।। जनपद के थाना बरहन पुलिस ने 3 नाबालिग बच्चों, 1 बुजुर्ग दंपति तथा एक हाथ से विकलांग व्यक्ति के नाम बलवा जैसी संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है वही गंभीर बात यह है कि बिना किसी घटना के बाद मुकदमा दर्ज हुआ तथा पुलिस ने इसकी जानकारी दोषियों को 10 दिन बाद दी । दरअसल कल दिनांक 13 सितंबर को थाना बरहन की पुलिस यादवगड गांव में राजवीर के घर पहुची और और घर मे मौजूद उनकी पत्नी कश्मीरी को बताया उन पर और उनके घर 12 अन्य लोगो पर मारपीट का मुकदमा दर्ज हुआ है जिसमे उनके 3 नाबालिक पुत्र और पुत्री भी शामिल हैं। जब कश्मीरी ने पूछा तो बताया कि इन सब पर दिनांक 28 अक्टूबर को गांव की ही निवासी पुष्पा देवी व उनके बच्चों के साथ मारपीट के आरोप में धारा 147  452  323  504  506 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। लेकिन कश्मीरी व उनके परिजनों ने मीडिया को बताया कि बादी पुष्पा देवी के साथ उनका कोई झगड़ा ही नही हुआ तो केस किस बात लगाया गया है।पीड़ित ने बताया कि पुष्प देवी ने एक सार्वजनिक रास्ते पर अवैध कब्जा कर रखा है जिसकी शिकायत हमने की थी जिसकी रंजिशन पुलिस को पैसे देकर मेरे और मेरे परिवार के सदस्यों पर झूठ मुकदमा लिखाया गया है
सूत्रों की माने तो पूरा विवाद एक सार्वजनिक रास्ते पर अबैध कब्जे का है जिसमे राजवीर व कश्मीरी ने तहसील दिबस में अपनी शिकायत की थी जिससे रंजिशन उन व्यक्तियों पर पुष्प देवी ने मुकदमा दर्ज कराया है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या पुलिस ने वास्तव में अपने ईमान को ताक पर रखकर नाबालिक बृद्ध तथा विकलांग पर मुकदमा दर्ज कर लिया है। दूसरा सवाल यह है कि जब घटना 28 अक्टूबर को हुई और तहरीर 5 सितंबर को लिखी गई और आरोपियों को सूचना 13 सितंबर को दी तो आखिर 10 दिन  तक पुलिस क्या करती रही। जिससे थाना बरहन पुलिस पर कई सवालिया प्रश्न खड़े होते है ।
सवांददाता सोनू सिंह
अक्रॉस टाइम्स हिन्दी समाचार पत्र
तहसील एत्मादपुर (आगरा)

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