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Wednesday, March 22, 2017

भारत सबसे बड़ा धर्म सहिंष्णु व लोकतांत्रिक देश

भारत सबसे बड़ा धर्म सहिंष्णु व लोकतांत्रिक देश

 सर्वविदित है कि भारत सबसे बड़ा धर्म सहिंष्णु व लोकतांत्रिक देश है। संसार में जर, जोरु व जमीन के लड़ाई, झगड़े व रक्त रंजित घटनाएं घटना कोई नई बात नहीं है ,यह सिलसिला तो सदियों से जारी है । सदियों से प्रकरणों का निपटारा राज दरबारों, चौपालों व पंचायतों में होता आया है ,ये तत्व भी न्यायपालिका के लघु रूप ही है । आम आदमी व फरियादी पुलिस, पंचायत व चौपाल से ऊपर वर्तमान की न्यायपालिका में विश्वास करता है ।  किन्तु वर्तमान में विडंबना है  न्यायपालिका में विभिन्न प्रकरणों का लंबित होना । न्याय पाने की जुगत में फरियादी प्रमाण सहित वाद दायर करवाता है किन्तु जब लम्बे अंतराल के बाद प्रकरण की  सुनवाई का वक्त आता है तब तक  नामित पूरे गवाह दस्तयाब नहीं होते है । इस दरमियान परिवादी कई बार पेशी वास्ते  कचहरी व आवास के बीच चक्कर काट कर अपना अमूल्य समय व धन नष्ट कर देते हैं । जब भी परिवादी पेशी पर जाता है तो उसे अगली तारीख मुकरर कर दी जाती है और आखिरकार उसे तारीख ही हाथ लगती है । न्याय में देरी अर्थात सरासर  अपराध को बढावा है ।  आज भारत की  न्यायपालिकाओं में  तीन करोड़ से अधिक मुकदमें लम्बित पड़े हैं जिनमें  किसी को न्याय व दण्ड की दरकार लम्बी प्रतीक्षा में है । सम्भवतया न्याय में लेट लतीफी एक तरह से अपराध को सह देने के समान है । कई परिवादी तो न्याय पाने की आस में अपना सम्पूर्ण धन लूटाकर अपनी इहलीला तक  समाप्त कर लेते हैं । तत्पश्चात प्रकरण की फाईलें हमेशा के लिए दबा दी जाती है । ऐसे में न्यायपालिका की कार्यशेली के प्रति विश्वास में कमी आना स्वाभाविक है ।


                             मंगलचन्द प्रजापति 
                           मेडता सिटी (नागौर )

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