****खुलेआम चल रहा है शहर में जुआँ ******
.......क्यो नहीं पडती प्रशासन की नजर , कब बंद होगा जूआँ
शाहजहाँपुर/जनपद में उच्च स्तर के पैमाने पर जुऐ का कारोबार फल फूल रहा है, जिसपर शासन प्रशासन की कोई नजर नहीं जाती ।प्रतित होता है कि सत्ता के संरक्षण में और शासन की देख रेख में कुछ तथाकथित उच्च स्तर के जुआरी जुऐ के अडडो को दिन रात गुलजार बना रहे है,और गुलजार बने जुऐ के अडडों पर उच्च स्तर के जुआरी व ब्याज के कारोबारी ,जुऐ के शौकिनों को ब्याज पर 5-10 प्रतिशत रुपया देकर अपने कारोबार में चार चाँद लगा रहे है।गौरतलब है कि जनपद के लोधीपुर मोहल्ला ,खन्नौत व गर्रा नदी के किनारे सुबह होते ही जुआरियो के जुऐ की फाडें लग जाती है जबकि रात दिन गस्त करती पुलिस की नजर जुऐ के गुलजारों पर नहीं पडती । फलते फूलते जुऐ के गुलजारों पर शौकिन जुआरी अपने घर के जेवर ,बर्तन आदि तक दाव लगा कर कर्जे में डूब जाते है जिस कारण कई अप्रिय घटनाओं को अंजाम दे बैठते है परन्तु सिक्के का एक और पहलू है कि पैसा दूना करने के चक्कर में सब कुछ दावओ पर लगा देते है जुआरी और तथाकथित उच्च स्तर के जुआरी अपने कारोबार में बढौत्तरी के लिऐ 500 रुपये प्रति घण्टे के हिसाब से जुआ खिलवाकर , ब्याज के कारोबारियो की जेब मोटी हो रही है परन्तु इनको मना करने पर दबंगई से पुलिस व सत्ता का रोव दिखते है,अगर जब कार्यवाही करता है कोई तो सत्तापक्ष का आदमी बताकर पुलिस प्रशासन को पैसे की बात कहते हुऐ मामले को रफा दफा कर लेते हैजिसके कारण सत्तापक्ष की छबी धूमिल करते है और साथ ही पुलिस के आला अफ्सरो के साथ आये दिन दावते उढाते नजर आते है ऐसे संरक्षण से पुलिस प्रशासन की अनदेखी कहे या कुछ और ! जिससे प्रशासन पर तमाम सावाल खडे हो जाते है और न जाने कितने परिवार बर्बाद हो रहे है लेकिन फिर भी प्रशासन मौन है ।
.......क्यो नहीं पडती प्रशासन की नजर , कब बंद होगा जूआँ
शाहजहाँपुर/जनपद में उच्च स्तर के पैमाने पर जुऐ का कारोबार फल फूल रहा है, जिसपर शासन प्रशासन की कोई नजर नहीं जाती ।प्रतित होता है कि सत्ता के संरक्षण में और शासन की देख रेख में कुछ तथाकथित उच्च स्तर के जुआरी जुऐ के अडडो को दिन रात गुलजार बना रहे है,और गुलजार बने जुऐ के अडडों पर उच्च स्तर के जुआरी व ब्याज के कारोबारी ,जुऐ के शौकिनों को ब्याज पर 5-10 प्रतिशत रुपया देकर अपने कारोबार में चार चाँद लगा रहे है।गौरतलब है कि जनपद के लोधीपुर मोहल्ला ,खन्नौत व गर्रा नदी के किनारे सुबह होते ही जुआरियो के जुऐ की फाडें लग जाती है जबकि रात दिन गस्त करती पुलिस की नजर जुऐ के गुलजारों पर नहीं पडती । फलते फूलते जुऐ के गुलजारों पर शौकिन जुआरी अपने घर के जेवर ,बर्तन आदि तक दाव लगा कर कर्जे में डूब जाते है जिस कारण कई अप्रिय घटनाओं को अंजाम दे बैठते है परन्तु सिक्के का एक और पहलू है कि पैसा दूना करने के चक्कर में सब कुछ दावओ पर लगा देते है जुआरी और तथाकथित उच्च स्तर के जुआरी अपने कारोबार में बढौत्तरी के लिऐ 500 रुपये प्रति घण्टे के हिसाब से जुआ खिलवाकर , ब्याज के कारोबारियो की जेब मोटी हो रही है परन्तु इनको मना करने पर दबंगई से पुलिस व सत्ता का रोव दिखते है,अगर जब कार्यवाही करता है कोई तो सत्तापक्ष का आदमी बताकर पुलिस प्रशासन को पैसे की बात कहते हुऐ मामले को रफा दफा कर लेते हैजिसके कारण सत्तापक्ष की छबी धूमिल करते है और साथ ही पुलिस के आला अफ्सरो के साथ आये दिन दावते उढाते नजर आते है ऐसे संरक्षण से पुलिस प्रशासन की अनदेखी कहे या कुछ और ! जिससे प्रशासन पर तमाम सावाल खडे हो जाते है और न जाने कितने परिवार बर्बाद हो रहे है लेकिन फिर भी प्रशासन मौन है ।
सम्पादक अक्राॅस टाइम्स हिन्दी समाचार पत्र
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