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Saturday, February 25, 2017

निरीक्षण के दौरान जिला पूर्ति अधिकारी कार्यालय में अनुपस्थित पाई गई

जिला पूर्ति कार्यालय का आकस्मिक निरीक्षण - जिलाधिकारी

निरीक्षण के दौरान जिला पूर्ति अधिकारी कार्यालय में अनुपस्थित पाई गई


 

शाहजहाँपुर। जिलाधिकारी श्री कर्ण सिंह चैहान ने अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) सर्वेश कुमार के साथ जिला पूर्ति कार्यालय का आकस्मिक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान जिला पूर्ति अधिकारी कार्यालय में अनुपस्थित पाई गई। कई कर्मचारी अनुपस्थित पाये जाने पर उनके एक दिन का वेतन काटते हुये विभागीय कार्यो का सम्पादन सही ढ़ग से न करने, अभिलेखों का रख-रखाव व्यवस्थित न होने पर, दो लिपिकों को निलम्बित करने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी श्री चैहान ने जिले के समस्त कार्यालयध्यक्षों को निर्देश दिये है कि वे अपने-अपने कार्यालयों के अभिलेखों का रख-रखाव पृष्ठांकन सहित पत्रावली नम्बर सहित हो रहे कार्यो के अभिलेखों को अद्यतन रखें। उन्होंने कहा है कि जिले के विभिन्न कार्यालयों का आकस्मिक निरीक्षण किया जा सकता है। इसलिये सभी अधिकारी अपने कार्यालयों के अभिलेख सही ढ़ग से नियमानुसार रखें। जिला पूर्ति कार्यालय का निरीक्षण करते हुये जिलाधिकारी ने पाया कि कार्यालय में गन्दगी पड़ी थी, जिसे साफ नही किया गया है। कार्यालय के अन्दर कक्षो की भी साफ-सफाई नही पाई गई। उन्होंने उपस्थिति पंजिका का निरीक्षण किया तो पाया  कि दो कर्मचारी उपस्थित है शेष सभी कर्मचारी अनुपस्थित पाये गये।  जिलाधिकारी ने तहसीलो में तैनात खाद्य निरीक्षको व लिपिको की उपस्थिति की जानकारी सम्बन्धित उपजिलाधिकारियों से की तो पाया कि कई कर्मचारी अनुपस्थित है। उन्होंने समस्त कार्मिको के एक दिन के वेतन रोकने के निर्देश दिये।जिला  पूर्ति कार्यालय में कोई लिपिक उपस्थित न होने पर उन्हें फोन से बुलाया गया जिसमें सम्बन्धित लिपिको के कार्यो का निरीक्षण जिलाधिकारी द्वारा किया गया। निरीक्षण के दौरान पाया कि जो पत्र डिस्पैच रजिस्टर पर चढ़ाकर भेजे जाते है, वह सही ढ़ग से नही चढ़ाये गये है और उसमें पत्रांक उसमें विषय आदि का सही उल्लेख नही किया गया था। उन्होंने डिस्पैच करने वाले लिपिक शाहिद अली खां के कार्यो को सन्तोषजनक न पाने पर निलम्बित करने के निर्देश दिये। डिस्पैच रजिस्टर में उर्दू अनुवादक श्री नफीस द्वारा दिया गया त्याग पत्र भी चढ़ा हुआ पाया गया जिसपर जिलाधिकारी ने पत्रावली न चलाने की जानकारी की तो कोई लिपिक सन्तोषजनक उत्तर न दे सका। निरीक्षण के दौरान लिपिक श्री राजकुमार के कार्यो का निरीक्षण करते हुये जिलाधिकारी ने पाया कि उनके द्वारा मिट्टी तेल आवंटन का जो पत्र जिला पूर्ति अधिकारी के हस्ताक्षर से पत्रांक 177 को भेजा गया था, उसमें प्रतिलिपि जिलाधिकारी को भी की गई थी। उक्त पत्र को जिलाधिकारी कार्यालय में भेजने व प्राप्ति रजिस्टर पर प्राप्त करने की जानकारी की तो पाया कि उक्त पत्र जिलाधिकारी को भेजा ही नही गया था। उन्होंने मिट्टी तेल आवंटन का शासनादेश की प्रति मांगी तो वह नही दिखा सके। कार्यालय की गार्ड फाईल की जानकारी करने पर पाया कि उसमें अद्यतन शासनादेश व आदेश विधिवत नही लगे है। उचित दर की राशन दुकानो का निलम्बन व बहाली का आदेश जिला पूर्ति अधिकारी द्वारा सीधे किया जाता है। जिलाधिकारी के संज्ञान में नही लाया गया। उन्होंने उक्त लिपिक का कार्य सन्तोषजनक न पाये जाने पर निलम्बित करने के निर्देश दिये। कार्यालय में जनता के कुछ महिला व पुरूष ने जिलाधिकारी को बताया कि उनके मोहल्ले के कोटेदार द्वारा राशन नही दिया जा रहा है। इसपर जिलाधिकारी ने उपस्थित दो खाद्य निरीक्षको को निर्देश दिये कि वे आज ही जाकर इन शिकायतों की जांच करें और शाम तक जांच रिपोर्ट उपलब्ध करायें। 


शाहजहाँपुर अक्राॅस टाइम्स

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