दिल जिस्से ज़िन्दा है वह तमन्ना तुम ही तो हो
शाहजहाँपुर अक्राॅस टाइम्स
दिल जिस्से ज़िन्दा है वह तमन्ना तुम ही तो हो
शाहजहाँपुर। तिलहर।। हजरत हाजी हाफिज़ सैयद हातम अली शाह मियाँ रहमतुल्लाह अलैह के 43वें सालाना उर्स शरीफ के अन्तिम दिन कव्वाली का प्रोग्राम हुआ। जिसमें कव्वालों ने अपने कलामों के ज़रीये लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया।मोहल्ला कच्चा कटरा स्थित चल रहे दरगाह पर चल रहे उर्स में अन्तिम दिन कव्वाली में अरशद वहीद चिश्ती साबरी कव्वाल ने कव्वाली की शुरूआत इस कलाम से की दिल जिस्से ज़िन्दा है वह तमन्ना तुम ही तो हो - शुरू करते ही लोग नोटों की बौछार करने लगे उसके बाद उन्होने अपने कलामों से लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। शमीम वसीम वारसी कव्वाल ने शुरूआत मौला अली के कौल से की उसके बाद उन्होने नातेपाक पेश की और मनकवत सुनाकर सूफीयों को झूमने पर मजबूर किया। प्रोग्राम देर रात तक चलता रहा। उर्स के मौके पर दरगाह व मस्जिद को विद्युत की झालरों द्वारा भव्य रूप से सजाया गया था।कव्वाली में मोईन मियां वारसी, सूफी अनवार मियां, सूफी उमर मियां, चन्दां खां, राहतउल्ला, साजिद खां, मसरूर खां, नन्हे खां, शब्बीर कुरैशी, हबीब कुरैशी, मिर्जा अज़ीम बेग, सूफी गुड्डू मियां, शराफत मियां वारसी, शब्बू, राशिद, शुऐब, अतिकुर्रहमान, सैयद मतलूब अली, बिलाल खां, हिफ्जुर्रहमान, सैयद हैदर अली, सैयद इरशाद अली, मुस्तकीम, हाफिज यूनुस खां, राहत उल्ला खां, आतिफ खां, वसीम खां, मकबूल खां, सैयद शारिक अली, सद्दाम, रेहान सैकडों लोग मौजूद थे।
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