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Friday, February 17, 2017

उच्च अधिकारियों की जाँच में दोषी पाते हुए भी कोटा निरस्त नहीं

*****उच्च अधिकारियों की जाँच में दोषी पाते हुए भी कोटा निरस्त नहीं******
       
शाहजहाँपुर। जिलापूर्ति विभाग में पनप रहे भ्रष्टाचार को देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि कोटेदारों का कोई भी वालबाँका करनंे वाला नहीं है। अखबारी सुर्खियों में कुछ दिन तक शोर शराबा होनें के बाद सारे मामले ठण्डे बस्ते में डाल दिये जाते हैं। इस विभाग को उच्च अधिकारियो द्वारा महा घोटालों का बेताज बादशाह बना दिया है वैसे तो पूरा प्रदेश भ्रष्टाचार की भट्टी में दहक रहा है परन्तु गम्भीर तत्व यह है कि जनपद की तहसील पुवायाँ एस0डी0एम0 व पूर्ति निरीक्षक तथा नायब तहसीलदार द्वारा कोटेदार महेन्द्र सिंह के कोटे की मौके की स्थलीय जाँच में उसको दोषी पाते हुए भी कोटा निरस्त न करने पर गुस्साऐ ग्राम वासियो ने कई शिकायती पत्र जिलाधिकारी को दिये। जनपद के ग्राम नवलपुर चिंता व ग्राम पंचायत गुन्हा खमरीया बण्डा ब्लाक पुवायाँ तहसील के ग्रामवासियो ने दिनांक दो अगस्त को तहसील दिवस में शिकायत संख्या 30079316001809 द्वारा कोटेदार महेन्द्र सिंह की शिकायत की थी जिसमें पुवायाँ एस0डी0एम0 व पूर्ति निरीक्षक तथा नायब तहसीलदार द्वारा कोटेदार की मौके पर स्थलीय जाँच की गयी जिसमें अधिकारियो ने कोटेदार महेन्द्र सिंह को दोषी पाया फिर भी कोटेदार का कोटा निरस्त नहीं किया गया परन्तु उसके बाद भी दिनॅाक नौ सितंबर को जिलाधिकारी व छः सितम्बर को एंव एक सितम्बर को कई बार तहसील दिवसो में व उच्च अधिकारियों को भी शिकायत की गयी परन्तु सांठ गांठ के चलते कोटेदार का कोटा निरस्त नहीं किया गया जबकि ग्रामवासियों का कहना है कि प्राप्त जाँच आख्या के अनुसार कोटेदार पूर्ण रूप से दोषी पाया गया और उ0प्र0शासन के आदेशो का कोटेदार सरासर खुला उल्लंघन करते हुए विधिपूर्वक नियमों का पालन भी नहीं कर रहा है तथा खाद्य सामग्री व मिट्टी का तेल आदि तीन व चार महीने में एक बार वितरण करता है जिसके कारण कार्ड धारको को काफी परेशानियों का सामना करना पड रहा है और साथ ही कार्डधारकों के साथ अभद्रता तथा मार पीट करता है और अन्त में ग्रामवासियो ने कहा कि कोटेदार के विरूद्ध कई ग्रामवासियों द्वारा नोटरी शपथ पत्र दाखिल किये जा चुके है फिर भी कोटेदार के विरूद्ध कोई कानूनी कार्यवाही नहीं की गयी क्योकि उच्च अधिकारियो व सत्ता के संरक्षण मिलने के कारण कोटेदार महेन्द्र सिंह का कोटा निरस्त नहीं हुआ और उच्च आला अधिकारी भी सत्ता के दवाव में मौन धारण किये हुऐ है जबकि जाँच के आधार पर कोटा निरस्त करते हुऐ किसी अन्य सामाजिक व्यक्ति को कोटे का आवंटन किया जाऐ। 

सम्पादक- ज्ञान प्रकाश 
अक्रास टाइम्स हिन्दी समाचार पत्र

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