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Wednesday, February 22, 2017

आचार संहिता लगने के पूर्व से संचालित निर्माण एंव विकास कार्यो की समीक्षा बैठक

******आचार संहिता लगने के पूर्व से संचालित निर्माण एंव विकास कार्यो की समीक्षा बैठक****

शाहजहाँपुर। जिलाधिकारी श्री कर्ण सिंह चैहान की अध्यक्षता में आचार संहिता लगने के पूर्व से संचालित निर्माण एंव विकास कार्यो की समीक्षा बैठक विकास भवन सभाकक्ष में सम्पन्न हुई। बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि आज की बैठक अधिकारियो को अपने विभागीय कार्यो को 31 मार्च 2017 से पूर्व  पूर्ण करने हेतु कार्य के प्रति समर्पित भाव से लगकर मानक एवं गुणवत्ता पूर्ण कार्य सम्पन्न कराने हेतु बुलाई गई है। उन्होंने कहा कि आचार संहिता लगने के पूर्व जो कार्य प्रगति पर है, उन्हें सम्बन्धित विभाग समय से पूर्ण करें। बैठक में जिलाधिकारी ने निर्देश दिये कि जो अधिकारी कार्यालयाध्यक्ष/विभागाध्यक्ष है, वहीं मेरी बैठक में आयेगें। जिले के कई अधिकारियों के बैठक में अनुपस्थित रहने पर अथवा उनके स्थान पर कनिष्ठ अधिकारी के आने पर सम्बन्धित अधिकारी से स्पष्टीकरण मांगने के निर्देश दिये है। उन्होंने समस्त निर्माण कार्यदायी संस्थाओं को निर्देश दिये कि वे कार्य कराने के पूर्व राजस्व विभाग से यह सुनिश्चित कर लेगें कि वे जिस भूमि पर निर्माण कार्य करने जा रहे हैै। वह सम्बन्धित विभाग की है अथवा नही। इसकी खसरा खतौनी अवश्य प्राप्त करेगें। जिला मजिस्ट्रेट ने यह भी निर्देश दिये कि अक्सर यह देखा जाता है कि सरकारी भवन दीवार आदि बनने के बाद कुछ लोग उसपर पम्पलेट, पोस्टर व अन्य अपनी प्रचार सामग्री लगा/लिखा देते है। ऐसे लोगो के विरूद्ध लोक सरंक्षण अधिनियम के अन्र्तगत सम्बन्धितों के विरूद्ध एफ0आई0आर0 दर्ज करायें। जिला मजिस्ट्रेट ने यह भी निर्देश दिये कि कुछ अधिकारी अपने नियत्रंक अधिकारी से अवकाश लेकर चले जाते है। यह पूर्णतः गलत है। वर्तमान में निर्वाचन आयोग के निर्देश के क्रम में बिना मेरी अनुमति के कोई मुख्यालय से बाहर गया तो उसके विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी। जिलाधिकारी ने अधिशासी अभियन्ता आवास विकास परिषद बरेली, अधिशासी अभियन्ता, लघु सिंचाई, अधिशासी अभियन्ता, ग्रामीण अभियन्त्रण विभाग, अधीक्षण अभियन्ता, विद्युत द्वारा बैठक में न आने पर उनके विरूद्ध कार्यवाही हेतु शासन के उच्चाधिकारियों को अवगत कराया। उक्त बैठक में अधिशासी अधिकारी नगर पालिका शाहजहाँपुर को कड़े निर्देश दिये कि वे बिना मेरी अनुमति के यदि मुख्यालय छोड़े तो उनके विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की जायेगी। उन्हांेने कार्यदायी संस्थाओं को कड़े निर्देश दिये कि उनके द्वारा जो कार्य पूर्व से किया जा रहा है उसकी अद्यतन प्रगति से लगातार अवगत कराते रहें। उन्होंने कहा कि जिले स्तर पर एक तकनीकी टीम बनाई जायेगी जिसके द्वारा विभिन्न विभागो द्वारा कराये गये निर्माण कार्यो की तकनीकी जांच कराई जायेगी, उसके बाद ही सम्बन्धित निर्माण कार्य हैण्डओवर होगा। यदि मानक और गुणवत्ता में कमी पाई गई तो सम्बन्धित कार्यदायी संस्था को जिम्मेदार मानते हुये कार्यवाही की जायेगी।जिलाधिकारी ने समस्त जिला स्तरीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों को निर्देश दिये है कि जितने लोग सरकारी आवासीय भवनों में रह रहे है। वे सभी अपने-अपने विद्युत बिल को मार्च से पूर्व जमा कर दें। साथ ही कार्यालयों के बिल भी यदि धनराशि है तो जमा कर दें। उन्होंने कहा कि जिन विभागो की विद्युत बकाया की धनराशि धनाभाव के कारण अभी तक भुगतान नही की गई है। वे सभी विभाग मेरी ओर से अपने-अपने विभागाध्यक्षों के लिये विद्युत मद मंे धनराशि आवंटित करने के लिये तीन दिन के अन्दर पत्र भिजवायें। उस पत्र की प्रतिलिपि अधीक्षण अभियन्ता, विद्युत को भी भेजी जाये। बैठक में कृषि विभाग उद्यान विभाग, डास्प, पशुधन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे साठा धान रोपने वाले कृषको के यहां जाकर यह बताये कि उसके बोेने से कितना समाज का अहित होगा। उन्हें साठा धान से अधिक उपज वाले फसलो की जानकारी दे और उनका सम्बन्धित फसल में उपज बढ़ाने के लिये पूरा सहयोग करें।उक्त बैठक में मुख्य विकास अधिकारी टी0के0शिबु, अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) सर्वेश कुमार, अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) जितेन्द्र कुमार शर्मा, मुख्य चिकित्साधिकारी, परियोजना निदेशक, डी0आर0डी0ए0, जिला विकास अधिकारी, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी आदि सम्बन्धित विभागो के अधिकारी उपस्थित रहे।

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