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कानपुर । बिठूर मे लगा कार्तिक पूर्णिमा का मेला श्रद्धालुवो ने रात्रि के तीसरे प्रहर से गंगा की शीतल एवं निर्मल धारा शिव नाद करते हुए गोते लगाए मनीषियों के मुताबिक पुराणों मे वर्णित कथानुसार देव लोक मे हाहाकार मचाने वाला राछस त्रिपुरा सुर ने जब तीनो लोको मे देव मानव सभी को त्रस्त कर दिया तब भोले नाथ की देवता ओ ने प्रार्थना की उनकी प्रार्थना सुन उस राछस वध कर दिया तबसे भोले नाथ का नाम त्रिपुरारी पड गया राछस के वध की खुशी मे आज ही के दिन देवताओ ने दीपोत्सव मनाया जिसे बाद मे देव दीपावली की संग्या दी गयी इस र्पूणिमा को सबसे बडी व पुण्य दायी पूर्णिमा माना गया है आज के दिन किया गया दान पुण्य मे परिवर्तित हो साधक को अच्छय फल की प्राप्ति कराता है।बताते चले बिठूर मे लगने वाले इस मेला को वर्ष का सबसे बडा मेला माना जाता है बिठूर मे लगने वाले इस मेला की जगह जीसे मेलाग्राउण्ड कहा जाता था उसकी जगह ही नही बची बावजूद लोगो के मनोरंजन के लिए इज्जन चालित बडे झूले लगाए गए है अलावा हर प्रकार की दुकाने लगाई गयी है जिसमे स्नानादी से फुरसत पा मेल्हारियो ने जम कर खरीदारी भी की थाना प्रभारी के नेत्रित्व मे सुरक्षा ब्यवस्था चौकस रही जली घटना न हो सकी इसके लिए नौकाचालन पर प्रतिबंध मुख्य कारण रहा वही जलजीव सुरक्षा दल मे बच्चा तिवारी,राजू दीक्षित आदि की सरगर्मि सराहनी रही अधिषासी अधिकारी विनय कुमार शुक्ला के नेत्रित्व मे बडे बाबू मारूत मिश्रा ने गहरे घाटो पर बैरीकडिग होने के कारण किसी के असामयिक घटना नही घटी
मधुकर राव मोघे ब्यूरो चीफ कानपुर
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