लखीमपुर खीरी।। जनपद के मोहम्मदी क्षेत्र में उत्तर प्रदेश सरकार की किरकिरी करने पर आमादा वन विभाग और पुलिस विभाग। परमिट के नाम पर चल रहा अबैध कटान का जवर्दस्त खेल। परमिट होता है 16 पेड़ का तो मौके से कटते है 25 पेड़। एक ओर जहाँ उत्तर प्रदेश सरकार पर्यावरण संरक्षण के लिए हजारो करोड़ खर्च करके पौधा रोपण का कार्य कर रही है। और पर्यावरण को नुकसान पहुचाने बाले किसानों के खिलाफ पराली जलाने को लेकर लगातार कई मुकदमे भी हो चुके है। बही दूसरी ओर लखीमपुर के वन विभाग और उद्यान विभाग के द्वारा हरे भरे पेड़ो का परमिट ठेकेदारों को देकर और हरे भरे पेड़ कटा कर सरकार को वदनाम करने पर तुले हुए है। जिसका जीता जागता सवूत अगर चाहिए तो मोहम्मदी के किसी भी आरा मसीन पर जाकर देखा जा सकता है। शायद ही ऐसी कोई मसीन हो जिसपर हरे भरे कोई पेड़ न मिले। पर जिले के जुम्मेदार आला अधिकारियों का मौन समझ के परे है। जब हरे भरे पेड़ ही नही रहेंगे तो क्या होगा पर्यावरण का। क्या इन जुम्मेदार लोगो पर पर्यावरण को नुकसान पहुचाने पर कार्यवाही नही होनी चाहिए या सिर्फ किसानों द्वारा अपने खेत मे पराली जलाने से ही होता है पर्यावरण का नुकसान। ये एक बड़ा सवाल है।
लखीमपुर-खीरी से शिवेन्द्र सिंह सोमवंशी की रिपोर्ट
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र
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