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Friday, March 15, 2019

चुनाव अचार संहिता लागू होते ही शिक्षा अनुदेशको में मायूसी


मोहम्मदी,लखीमपुर खीरी। चुनाव अचार संहिता लागू होते ही शिक्षा अनुदेशको में मायूसी के काले बादल से छा गए। उन्हे उम्मीद थी कि दो वर्षो से घोषित 17 हजार मानदेय दिये जाने की अधि सूचना अचार संहिता लागू हो जाने से पूर्व सरकार कर देगी। सरकार ने अपने चुनावी पिटारे में से आगंनबाड़ी, रसोइयो, पीआडी एवं होमगार्ड जवानो, चैकीदारो एवं संविदा कर्मियो के मानदेय बढ़ाकर उनको और उनके परिवारो को लुभाने के प्रयास किये गये। इसी को देखते हुए शिक्षा अनुदेशको को उम्मीद थी कि उनको भी दो वर्षो से घोषित मानदेय मिलने लगेगा लेकिन सरकार ने शिक्षको से अधिक मेहनत करने वाले शिक्षा अनुदेशको के अरमानो पर पानी फेर दिया। मौजूद समय प्राथमिक शिक्षा में उच्च शिक्षित व बीएड किये हुए शिक्षा अनुदेशक शिक्षा विभाग में रीढ़ की हड्डी साबित हो रहे है और उन्हे मानदेय मात्र आठ हजार दिया जा रहा है वो भी कई कई माह के बाद। लगभग दो वर्ष पूर्व सरकार ने इन शिक्षा अनुदेशको को 17 हजार मानदेय दिये जाने की घोषणा की थी। अनुदेशक संघ 20 हजार की मांग कर रहा था जो इस बात पर भी तैयार था कि सरकार ने जो घोषणा की थी वही मानदेय दे दे। लेकिन सरकार अपने वादे से मुकर गयी।शिक्षा अनुदेशक संघ धरना, प्रर्दशन और आन्दोलन करता रहा लेकिन प्रदेश सरकार ने नही सुनी। अब जब लोकसभा चुनाव का बिगुल बज गया और मोदी-योगी ने लुभाने के लिये तोहफो की बौछार शुरू कर होमगार्ड, पीआरडी जवानो, आगनबाड़ी कार्यकत्रियो एवं सहयको एवं स्कूलो की रसोइयो के मानदेय एवं सुविधाए आनन-फानन बढ़ा दी। जिन्हे देखकर शिक्षा अनुदेशको को शनिवार तक ये उम्मीद थी कि सरकार आज उनके लिये भी अपने पिटारे में से मानदेय बढ़ाने की सौगात दे सकते है। लेकिन रविार को अचार संहिता लागू हो जाने से उनमे खासी मायूसी सी छा गयी तथा योगी-मोदी के वादा खिलाुफी पर मायूसी ही नहीं आक्रोश सा व्याप्त है।


दिनेश सिंह सोमवंशी ब्यूरो चीफ लखीमपुर खीरी
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र

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