अज्ञात बालिका को राजकीय बाल गृह (शिशु) आगरा की अभिरक्षा में
फिरोजाबाद। समिति के सदस्य डॉक्टर जफर आलम ने बताया कि 9 सितंबर के दैनिक समाचार पत्र से ज्ञात हुआ कि 8 सितंबर को थाना नारखी जनपद के बरतरा में जगदीश पचौरी के ट्यूबेल के पास झाड़ियों में किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा एक नवजात बालिका को फेंका गया है जिसे श्रीमती गीता देवी पत्नी मुकेश को ग्रामीणों ने सौंप दिया था। मामले का स्वत्: संज्ञान लेते हुए बाल कल्याण समिति/न्याय पीठ ने बालिका को समिति के समक्ष प्रस्तुत करने के निर्देश थानाध्यक्ष नारखी को जारी किए।थानाध्यक्ष द्वारा जारी किए गए आदेश का अनुपालन करते हुए नवजात बालिका को समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया।बालिका के सर्वोत्तम हित को ध्यान में रखते हुए समिति/ न्याय पीठ सदस्यों संगीता पांडे, जगजीवन राम शर्मा, व डॉ. जफर आलम ने किशोर न्याय (बालकों की देखरेख संरक्षण) अधिनियम 2015 के तहत अज्ञात बालिका को राजकीय बाल गृह (शिशु) आगरा की अभिरक्षा में भेज दिया साथ ही कहना है कि प्रत्येक थाने में एक बाल कल्याण अधिकारी नियुक्त होता है उसके बाद भी पुलिस लावारिस अवस्था में मिलने वाले बच्चों को अपनी अभिरक्षा में लेते हुए बाल कल्याण समिति/न्यायपीठ न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत करने की आवश्यकता महसूस नहीं करती है जिसकी वजह से बच्चे को पालने वाले माता पिता और पुलिस प्रशासन के बीच टकराव की स्थिति बन जाती है। पुलिस को इस केस में भी काफी मशक्कत का सामना करना पड़ा जब परिवारीजनों ने मार्ग जाम करने का प्रयास किया। अगर पुलिस विभाग के अधिकारियों ने समय से संज्ञान लिया होता तो शायद ऐसी नौबत ही नहीं आती। इसी श्रृंखला में जन आधार कल्याण समिति उत्तर प्रदेश के प्रदेश सचिव प्रवीण कुमार शर्मा ने बताया कि जे०जे० अधिनियम 2015 के सेक्शन 31 के अनुसार यह प्रावधान है कि किसी भी व्यक्ति को 10 वर्ष तक का कोई भी बच्चा यदि लावारिस अवस्था में प्राप्त होता है तो उसे 24 घंटे के अंतराल पर (यात्रा के समय को छोड़कर) चाइल्ड लाइन/पुलिस अथवा बाल कल्याण समिति/न्याय पीठ न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत करें.. सरकार निसंतान दंपत्ति को बच्चा भी गोद देती है जिसके लिए नियमानुसार ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है साथ ही बाल कल्याण समिति न्याय पीठ के सदस्य जफर आलम ने जनहित में जारी संदेश देते हुए कहा की मुसीबत में फंसे बच्चे, संरक्षण से मरहूम बच्चे, यौन शोषण का शिकार व बाल श्रम करने वाले बच्चों की मदद के लिए 1098 डॉयल करें। ऐसे बच्चों की चाइल्ड लाइन द्वारा तत्काल मदद की जाए।
कश्मीर सिंह मंडल संवाददाता आगरा
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र
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