मृतकों के परिजनों को मिले मुआवजा- महेश गिरी
जानबूझ कर लापरवाह रवैया अपनाये हुये केजरीवाल सरकार- महेश गिरी
मौतों से सबक नहीं ले रही केजरीवाल सरकार- महेश गिरी
न्यायालयों के आदेशों का भी खुलेआम उल्लंघन कर रही दिल्ली सरकार- महेश गिरी
एलजी से की सीवर सफाई करते मारे गये श्रमिकों के मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग
ब्यूरो खबर/अक्राॅस टाइम्स हिन्दी समाचार पत्र
नई दिल्ली । भाजपा राष्ट्रीय मंत्री व पूर्वी दिल्ली सांसद महेश गिरी ने उप-राज्यपाल को पत्र लिख कर लाजपत नगर में सीवर की सफाई करते हुये हुई श्रमिकों की मौत की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। साथ ही सांसद गिरी ने सीवर सफाई के दौरान हुई तीन मौतों पर संवेदना व्यक्त करते हुये दिल्ली सरकार से तीनों मृतकों के परिजनों को मुआवजा राशि दिलवाने की मांग भी उप-राज्यपाल से की है। सांसद गिरी ने कहा है कि सरकार इन तीनों के परिवारों को अविलंब आर्थिक सहायता के रूप में मुआवजा राशि जारी करे। इसके अलावा गत दिनों मयूर विहार में पीडब्ल्यूडी के खुले नाले में गिरकर हुई व्यवसायी की मौत में भी उसके परिजनों को भी आर्थिक सहायता राशि जारी करे। अनुसूचित जाति राष्ट्रीय आयोग के अध्यक्ष राम शंकर कथेरिया तथा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी के साथ सांसद गिरी मृतको के परिवार से भी मिले। सांसद गिरी ने कहा कि दिल्ली सरकार दिन प्रतिदिन अपनी लापरवाही का सबूत दे रही है। इसका खामियाजा निर्दोष लोगों को अपनी जान गंवा कर देना पड़ रहा है। सरकार के लापरवाह रवैये की वजह से अधीनस्थ सरकारी विभाग भी पंगु बन गये हैं। लोक निर्माण विभाग हो या फिर या दिल्ली जल बोर्ड दोनों के अफसर लापरवाह रवैया अपनाये हुये हैं और किसी के जानमाल की रक्षा करने की बजाय लापरवाह रवैया अपनाये हुये हैं। ज्ञात हो कि कुछ समय पूर्व ही पूर्वी दिल्ली के मयूर विहार में पीडब्लूडी के खुले नाले में गिरकर एक व्यवसायी की मृत्यु हो गई थी। सांसद ने कहा कि इस तरह की घटनाएं आए दिन सुरक्षा मानकों की खुली अवहेलना की वजह से घटित हो रही हैं। न्यायालय के आदेशनुसार यह स्पष्ट किया जा चुका है कि रस्सी, ऑक्सिजन सिलिंडर, जूते, टॉर्च, जैकेट, हेलमेट, ऑक्सीजन मास्क, हाथ के दस्ताने आदि आवश्यक सुरक्षा उपकरणों व मशीनों के साथ ही सीवरों की सफाई की जानी चाहिए। इसके बावजूद दिल्ली सरकार के लापरवाह रवैये से इसका खुला उल्लंघन हो रहा है। इससे स्पष्ट होता है दिल्ली सरकार व उनके अधीनस्थ विभाग संवेदनशील नहीं हैं।
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