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Sunday, August 20, 2017

बिल जमा करने के बजाए दी जाती है सायबर कैफे पर जाने की सलाह

बिल जमा करने के बजाए दी जाती है सायबर कैफे पर जाने की सलाह

फिरोजाबाद।जनपद में वरिष्ठ आलाअधिकारियों के कमरों से चंद कदम की दूरी पर बिजली दफ्तर में मनमानी हावी है। कर्मचारी देहात से आने वाले उपभोक्ताओं के बिल जमा करने के बजाए उन्हें सायबर कैफे पर जाने की कहते हैं तो बिजली जाने के नाम पर कंप्यूटर बंद कर दिए जाते हैं। शनिवार को बिल जमा करने पहुंचे एक उपभोक्ता ने इस मामले की शिकायत सीधे ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से कर दी। मंत्री के यहां से अफसरों की घंटी बजाई गई। इसके बाद एमडी दफ्तर से फीरोजाबाद मे फोन घनघनाना शुरू हो गए। इससे विभाग में खलबली मच गई। बाद में अधीक्षण अभियंता ने कर्मचारी को बुलाकर फटकार लगाते हुए सख्त हिदायत दी।बताते चले कि मामला शनिवार सुबह का है। उसायनी निवासी शिवधृष्टि रावत अपने पिता के साथ में बिल जमा करने लेबर कॉलोनी स्थित बिजली दफ्तर पर पहुंचे। यहां पर वह लाइन में लग गए। काफी देर बाद उनका नंबर आया तो कर्मचारी गप्पें मारने लगे। इस दौरान लाइन को छोड़ कर कर्मचारियों ने अंदर से बिल जमा करना शुरू कर दिया। साढ़े 11 बजे करीब कर्मचारी ने कह दिया कि बिजली चली गई है अब कंप्यूटर बंद हो गए हैं। इस पर जब उपभोक्ता ने कहा कि पंखे चल रहे हैं तो कंप्यूटर क्यों नहीं चल रहे हैं। उन्होंने कहा 6939 रुपये का बिल है। इतने रुपये लेकर कहां जाएंगे। दो घंटे खड़े-खड़े हो गए तो कर्मचारी ने कहा ज्यादा जल्दी है तो सायबर कैफे पर चले जाओ। पिता को परेशान देख शिवधृष्टि रावत ने ऊर्जा मंत्री का फोन मिला कर उन्हें पूरे मामले की जानकारी दी। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि वह अभी बात करते हैं। इसके बाद में शिव के मोबाइल पर ऊर्जा मंत्री के दफ्तर से फोन आया। कुछ देर बाद एमडी दफ्तर से फोन आया तथा शिव से पूरे मामले की जानकारी लेकर फीरोजाबाद के विद्युत अधिकारियों को फोन किया। वही मामला  जब ऊर्जा मंत्री तक पहुंचने से विभाग में खलबली मच गई। आनन-फानन में अधिकारी उपभोक्ता की जानकारी में जुट गए और उपभोक्ता को बुलाकर उन्होंने पूरी बात समझी। इसके बाद में संबंधित कर्मचारी को बुलाकर अधीक्षण अभियंता बीके गुप्ता ने डांट लगाते हुए कहा कि भविष्य में इस तरह की शिकायत मिली तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।

*** अधिकारियों से शिकायत करने का किया था प्रयास ****

कर्मचारियों की मनमानी की एक वजह यह भी है विभागीय अधिकारी किसी की नहीं सुनते हैं। जबकि अधिशासी अभियंता देहात का भी कार्यालय यहीं पर स्थित है। अगर अधिकारी उपभोक्ताओं की लंबी लाइन देख बिल जमा होने में देरी की वजह जानने का प्रयास करते तो शायद उपभोक्ताओं को इतनी परेशानी नहीं होती।उपभोक्ता का कहना है ऊर्जा मंत्री को फोन मिलाने से पूर्व उसने अधिकारियों से मिलने का प्रयास किया। दफ्तर के बाहर नौ से 12 बजे तक जनता से मिलने का बोर्ड होने पर भी अधिकारियों ने मिलने से इन्कार करते हुए कहा कि कुछ देर बाद बात करेंगे।अफसरों के सामने धूप में पसीना-पसीना होते उपभोक्ता  बिजली दफ्तर में उपभोक्ताओं को बिल जमा करने के लिए धूप में खड़ा होना पड़ता है। एक तरफ सब स्टेशनों पर टिनशैड पड़े हुए हैं, लेकिन जहां पर अधिकारी बैठते हैं  वहां पर बिल काउंटर पर कोई टिनशेड नहीं है। तपती धूप में कई बार उपभोक्ताओं को चक्कर भी आ जाते हैं।

कश्मीर सिंह मण्डल संवाददाता आगरा
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र

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