एस.डी एम के आदेश एसओ के ठेंगे से
उन्नाव।।अब पुलिस के लिए कोर्ट और प्रशासनिक अधिकारियों का आदेश कोई मायने नहीं रखता है। इसकी नजीर औरास थाना क्षेत्र के एक जमीन कब्जेदारी के मामले में देखने को मिली। एएसपी से मिलकर पीड़ित ने कब्जे पर रोक लगाने की मांग की है।
औरास थाना क्षेत्र के मौनीभावाखेड़ा गांव निवासी दया शंकर पुत्र बलवंत का कहना है कि उसकी गांव में पुस्तैनी जमीन है। जो राजस्व अभिलेख खतौनी में दर्ज है। उसका आरोप है कि कुछ अराजकतत्व उसकी जमीन पर लगातार कब्जा करने की फिराक में हैं। कोर्ट ने विपक्षियों को कब्जा न करने का आदेश पारित किया था। एसडीएम ने भी कब्जा रुकवाने का फरमान दिया। लेकिन पुलिस और लेखपाल की साठगांठ से आरोपी जमीन में निर्माण करा रहे हैं। जब वह कब्जे की शिकायत लेकर समाधान दिवस में पुलिस के पास पहुंचा तो एसओ ने प्रार्थना पत्र फेंकते हुए उसे भाग जाने के लिए कहा। हाथ से जमीन जाता देख पीड़ित भागकर एएसपी अष्टभुजा प्रसाद ¨सह के पास पहुंचा और न्याय की गुहार लगाई। एएसपी ने एसओ को कब्जा रुकवाने के निर्देश दिए। पीड़ित का आरोप है कि एएसपी के कहने के बाद भी थाना पुलिस कब्जा रुकवाने नहीं पहुंची। पुश्तैनी जमीन जाता देख पीड़ित एसपी कार्यालय में बिलख पड़ा।
तहसीलदार ने झाड़ा पल्ला
पीड़ित ने मामले की शिकायत तहसील दिवस में 5 दिन पहले छह जून को की थी। पीड़ित के पास तहसील दिवस की रसीद भी है। तहसीलदार अनिल कुमार ने मामले से पल्ला झाड़ लिया। बोले ऐसा कोई मामला संज्ञान में नहीं है। लेखपाल से जानकारी करा रहा हूं।
क्या बोले एएसपी
-यदि कोई गलत तरीके से किसी की जमीन में कब्जा करता है तो उसे बख्शा नहीं जाएगा। एसओ औरास को इस मामले में मौके पर जाकर निर्माण कार्य रुकवाने के निर्देश दिए गए हैं। यदि कब्जेदारी में कहीं से भी पुलिस की संलिप्तता नजर आई तो जांच के बाद कड़ी कार्रवाई की जाएगी। -अष्टभुजा प्रसाद ¨सह, एएसपी
कृष्ण कान्त तिवारी ब्यूरो चीफ उन्नाव
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र
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